नेपाल की सरकार ने रूस से अनुरोध किया है कि वह नेपाली नागरिकों को अपनी सेना में शामिल नहीं करें। साथ ही नेपाल ने उनलोगों को वापस भेजने का आग्रह किया, जो पहले ही रूसी सेना में शामिल हो चुके हैं और यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे हैं।
रूसी सेना में 200 नेपाली नागरिक
जानकारी के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक करीब 200 नेपाली नागरिक रूसी सेना में शामिल हो चुके हैं। वहीं, 12 नेपाली नागिरकों ने रूसी सेना की तरफ से लड़ते हुए अपनी जान भी गंवाई हैं।
नेपाली नागरिकों को स्वदेश भेजने की मांग
युगांडा के कंपाला में चल रहे गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने शुक्रवार रूस के उप विदेश मंत्री वर्शिनिन सर्गेई वासिलिविच से मुलाकात की। नेपाली विदेश मंत्री ने कहा, रूस की सेना में नेपाली नागरिकों की भर्ती न करें और जो पहले ही सेना में भर्ती हो चुके हैं, उन्हें वापस नेपाल भेजने में मदद करें।
नेपाली विदेश मंत्री सऊद ने कहा,
नेपाल का कुछ देशों के साथ पारंपरिक व्यवस्था है, जहां की सेना में नेपाली नागिरक भर्ती होते हैं। इसके अलावा किसी अन्य देश की सेना में नेपाली नागरिक भर्ती नहीं हो सकते हैं। इसलिए, मैंने रूसी मंत्री से हमारे नागरिकों को अपनी सेना में भर्ती नहीं करने के लिए कहा है।
पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग
इसके अलावा एनपी सऊद ने रूसी विदेश मंत्री से उनकी सेना के लिए लड़ते हुए मरने वाले नेपाली नागरिकों के शवों को वापस भेजने और पीड़ितों के परिवार को उचित मुआवजा देने को कहा है।
रूस ने नेपाल को दिया आश्वासन
इधर, रूसी विदेश मंत्री ने नेपाली पक्ष को कहा कि मृतक के परिवार को रूसी कानून के अनुसार मुआवजा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि नेपाल की चिंताओं को दूर करने के लिए पहल की जाएगी।
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