थाना प्रभारी नरेंद्र कुलस्ते ने बताया कि 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के चलते नगर में कई स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इसी दौरान वार्ड नंबर 10 में रहने वाली 8 साल की एक बालिका जुलूस देखने के लिए बैरसिया के रेंज चौराहा पहुंची थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी। काफी तलाश करने के बाद भी जब बालिका का कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर बालिका की तलाश शुरू की।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस की टीमों को आसपास के इलाकों में बालिका की तलाश करने, सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने, सोशल मीडिया और पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर बच्ची की फोटो और जानकारी प्रसारित करने की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। चार दिनों तक लगातार की जा रही कोशिश के बीच सूचना मिली कि लापता बालिका से मिलते-जुलते हुलिये की एक लड़की को एक अधेड़ महिला के साथ घटना दिनांक को बस में सवार होकर नरसिंहगढ़ की तरफ जाते हुए देखा गया था।
बस ड्राइवरों और कंडक्टरों से मिला सुराग
टीआई कुलस्ते ने बताया कि नरसिंहगढ़ रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने के साथ ही इस रूट पर चलने वाले बस ड्राइवरों और कंडक्टरों से पूछताछ शुरू की गई। इसी बीच एक बस के चालक और परिचालक ने बताया कि घटना दिनांक को एक महिला इसी हुलिए की बालिका के साथ ग्राम रमगढ़ा में उतरी थी। उसके बाद पुलिस की एक टीम रमगढ़ पहुंची और महिला के घर की तलाश की तो अपहृत बालिका मिल गई, लेकिन महिला नहीं मिली।
महिला को भेजा गया जेल
वहीं, आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद महिला को रमगढ़ के जंगल से पकड़ा गया। पूछताछ में उसने अपना नाम गीताबाई सपेरा (55) बताया। बालिका के अपहरण को लेकर पूछताछ करने पर बताया कि वह उससे भीख मंगवाा चाहती थी, इसलिए घटना वाले दिन बहला-फुसलाकर अपने साथ घर ले आई थी। जांच के दौरान पता चला कि यह महिला रोजाना गांव से बैरसिया में भीख मांगने के लिए आती है और शाम को वापस लौट जाती है। पुलिस ने आरोपी महिला को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
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