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यूपी: क्यूआर कोड से होगी नाव की पहचान, गंगा में टू लेन का रूट…

गंगा के मनोहारी दृश्य की एक झलक पाने के लिए देश और दुनियाभर से वाराणसी पहुंचने वाले सैलानियों की सुरक्षा के लिए नाव संचालन की नई गाइड लाइन तैयार हो रही है। सड़क पर चलने वाले वाहनों की तरह जल्द ही नावों के पंजीकरण की व्यवस्था होगी। फिटनेस जांची जाएगी।

गंगा में बेतरतीब नावों का संचालन रोकने के लिए दो लेन का रूट भी बनाया जाएगा। यह व्यवस्था अप्रैल से लागू होगी। राजघाट से अस्सी घाट के बीच नौका संचालन पर निगरानी के लिए नगर निगम और जल पुलिस की चौकियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

इसे नाविकों के साथ खुली बैठक कर अनुमोदित कराया जाएगा ताकि उनके सुझावों के जरिये इसमें संभावित बदलाव किए जा सकें। इसे लागू करने के बाद अमल में भी लाया जा सके। गंगा में बढ़ती नावों की संख्या और भीड़ को देखते हुए नगर निगम नई गाइड लाइन बना रहा है। इसमें सभी आरटीओ की तर्ज पर नावों को क्यूआर कोड से पंजीकृत किया जाएगा।

इसमें नाव की क्षमता के अनुसार ही अलग-अलग सीरिज के नंबर आवंटित किए जाएंगे। नावों पर रेडियम युक्त क्यूआर कोड वाले मार्कर लगाए जाएंगे। मार्कर तीन रंगों में बड़े आकार के होंगे ताकि उन्हें दूर से देखा जा सके। प्रत्येक तीन महीने में नावों के फिटनेस की जांच होगी। गंगा में भी ट्रैफिक लेन बनाई जाएगी।

गलत लेन में चलने वाली नावों का होगा चालान
नगर निगम की नई गाइड लाइन के अनुसार गंगा में जेटी के जरिये राजघाट से अस्सी घाट तक रूट तैयार किया जाएगा। इसमें कई घाटों के सामने यू टर्न और घाट तक जाने की सुविधा होगी। गंगा में नावों के ट्रैफिक मैनेजमेंट की व्यवस्था होगी। गलत लेन में जाने और संचालन में लापरवाही पर चालान भी किया जाएगा।

नहीं होगा बिना लाइसेंस वाले नावों का संचालन
नगर निगम ने गंगा में नाव संचालन को सुचारू और व्यवस्थित करने के लिए सर्वे कराया है। इसमें ज्यादा किराया लेना, जर्जर नाव का संचालन, बिना सीएनजी वाले नाव का संचालन सहित अन्य खामियां सामने आई हैं। अब प्रत्येक घाट पर किराया सूची लगाई जाएगी। बिना लाइसेंस वाले नावों का संचालन बंद कराया जाएगा।

अस्सी से राजघाट के बीच कुल नावें– 2500
नगर निगम से कुल लाइसेंस वाली नावें– 1200
गंगा में चल रहीं बिना लाइसेंस वाली नावें– 800
नावें जिनका लाइसेंस निगम की प्रक्रिया में–120
गंगा में सीएनजी से चलने वाली नावें –650

गंगा में नाव संचालन को व्यवस्थित करने के लिए गाइड लाइन तैयार कराई जा रही है। इसमें पंजीकरण, चालान और फिटनेस की प्रक्रिया को शामिल किया जा रहा है। नाविक समाज का सुझाव भी शामिल किया जाएगा। – अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त