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कानपुर: ड्रग विभाग के छापे में नामी कंपनियों की नकली दवाएं मिलीं

कानपुर में ड्रग विभाग की टीम ने कौशलपुरी, आरकेनगर स्थित मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर नामी कंपनियों की नकली दवाएं पकड़ी हैं। इसके अलावा ड्रग विभाग की टीम को पृथम दृष्टया दवाओं में सॉल्ट की जगह खड़िया की तरह का पदार्थ मिला है। दवाओं के सैंपल राजकीय विश्लेषक लैब भेज दिए गए हैं। मेडिकल स्टोर संचालक इन दवाओं की खरीद से संबंधित कोई अभिलेख ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम को नहीं दिखा पाया।

4,79,325 रुपए कीमत की औषधियां, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री टीम ने जब्त कर ली। मेडिकल को सीज करके दवा के क्रय-विक्रय पर रोग लगा दी गई है। नकली एवं अधोमानक औषधि की विक्रय की सूचना पर सहायक आयुक्त औषधि दिनेश कुमार तिवारी ने टीम गठित करके जांच के आदेश दिए थे। टीम में नगर की ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान और ओमपाल सिंह, इटावा के ड्रग इंस्पेक्टर रजत कुमार पांडेय रहे। टीम ने थाना नजीराबाद से पुलिस बल के साथ कौशलपुरी के न्यू गगन केमिस्ट पर छापा मारा और दवाओं की जांच शुरू की।

जांच के दौरान एल्केम, टोरेंट, अरिस्टो, लूपिन, सन फार्मा, ग्लेनमार्क, सिप्ला लिमिटेड, एबट, डॉ. रेड्डीज़ एवं अन्य एम.एन.सी. कंपनी के डुप्लीकेट दवाएं पाई गईं। दवाओं की खरीद के संबंध में कागजात मेडिकल स्टोर संचालक अभिलेख नहीं दिखा पाए। नियमानुसार फॉर्म 16 पर क्रम संख्या 1 से 26 तक (पृष्ठ संख्या 1 से 4) तक अंकित करते हुए 4,79,325 रुपए की औषधियां, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री जब्त कर ली गई।

मेडिकल स्टोर संचालक पुलकित गुप्ता के मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप चैट के जरिये क्रय विक्रय को देखकर मोबाइल फोन को अभिरक्षा में लिया गया। व्हॉट्स पर क्रय-विक्रय की दवाओं का अनुमानित मूल्य 22,999 रुपये है। कुल दवाओं की कीमत 5,02,324 रुपये है। ड्रग इंस्पेक्टर ओम पाल सिंह ने बताया कि दवाओं को जांच के लिए राजकीय विश्लेषक लैब भेजा जाएगा। उसके बाद अगली कार्रवाई होगी।

खतरे में डाली मरीजों की जान, बीपी की भी नकली दवाएं
ड्रग विभाग की टीम ने दवाओं को चखकर भी देखा। जीरो डॉल एसपी दवा चखी तो उसका स्वाद खड़िया जैसा आया। ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया कि जिन असली सॉल्ट का स्वाद कड़वा होता है, उसका स्वाद खड़िया जैसा लगा। बुखार की जीरो डॉल एसपी, गैस की टैन-10, डीएसआर, एंटी बायोटिक ऑगमेंटिन, क्लेवम, ब्लड प्रेशर की टेल्मा, डायबिटीज की दो दवाएं, चक्कर की वर्टिन तथा नींद की दवाएं नकली हैं। नामी कंपनियों के नाम पर इन नकली दवाओं से बैच की कोडिंग और एमआरपी काट दी गई थी। शक है कि इनमें कुछ एक्सपायरी दवाएं भी हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर की नकली दवा खाने वाला रोगी धोखे में रहेगा, बीपी अधिक बढ़ा तो हार्ट अटैक आ सकता है। उन्होंने बताया कि 18 दवाओं के सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे गए हैं।