भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली ने आज बुधवार को फाटा से अंतिम पड़ाव गौरीकुंड के लिए प्रस्थान किया। जहां पर बाबा केदार गौरी माई से भेंट करेंगे। जबकि 9 मई को चल उत्सव विग्रह डोली अपने धाम पहुंचेगी।
पंच केदार में प्रमुख भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली मंगलवार को अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी। यहां से आज बाबा केदार की डोली अपने अंतिम पड़ाव गौरीकुंड पहुंचेगी। मंगलवार को सुबह 7.30 बजे विश्वनाथ मंदिर में पुजारी शंकर लिंग ने बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।
सुबह 8.45 बजे बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने विश्वनाथ मंदिर से अपने धाम के लिए प्रस्थन किया। इस मौके पर भारी संख्या में बाबा के भक्तों ने पुष्प, अक्षत से अपने आराध्य का स्वागत करते हुए उन्हें धाम के लिए विदाई दी। नाला, नारायणकोटी, मैखंडा होते हुए बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली दोपहर बाद अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची।

यहां पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों और वेद मंत्रोच्चार के बीच भक्तों ने डोली का स्वागत किया। यहां, रात्रि को जागरण भी किया जाएगा।
बुधवार को बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली अपने अंतिम पड़ाव गौरीकुंड पहुंचेगी। फाटा से डोली ने प्रस्थान कर लिया है।
यहां पर बाबा केदार का गौरी माई से मिलन होगा। 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी, जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम खुलेंगे।
प्रदेश सरकार ने सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा की व्यापक तैयारियां की हैं। पिछले कुछ सालों से चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं की संख्या में नया रिकॉर्ड बना रही है।
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