उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला की भव्य प्रतिमा के दर्शन किए। दर्शन से अभिभूत उपराष्ट्रपति ने एक्स पर पोस्ट किया “ यह मंदिर, भक्ति और आध्यात्म की हमारी गौरवशाली परंपरा का जीता जागता प्रतीक है। आज जब हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में दृढ़ता से अग्रसर है, ऐसे में प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद इस भारत भूमि पर बना रहे, यही प्रार्थना है।”
धनखड़ ने सपरिवार रामभक्त हनुमान के किये दर्शन
उन्होंने कहा “ यह अवसर मेरे और मेरे परिवार के लिए, मेरे दिल, मेरे दिमाग और आत्मा को एक साथ एकत्र करता है। हमारे संविधान के भाग तीन में श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण का चित्र अंकित है।” उन्होंने मंदिर निर्माण में लगे कारीगरों तथा श्रमिक कर्मियों के योगदान का अभिनंदन किया। इससे पहले उपराष्ट्रपति ने अपनी संक्षिप्त धार्मिक यात्रा की शुरुआत प्राचीन हनुमानगढ़ी मंदिर से की और सपरिवार रामभक्त हनुमान के दर्शन किये। उन्होंने कहा “ साहस, शक्ति और भक्ति के प्रतीक बजरंगबली के चरणों में शीश नवाकर तन-मन प्रसन्नता और ऊर्जा से भर गया। संकटमोचक हनुमान जी से प्रार्थना है कि सभी का कल्याण करें और सबको सुख-समृद्धि दें।” इसके बाद उपराष्ट्रपति ने कुबेर टीला में कामेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की और भक्ति एवं साहस के प्रतीक पक्षीराज जटायु के दर्शन किए।
सरयू नदी के दर्शन किए और आरती की
अपनी अयोध्या यात्रा के अंत में उपराष्ट्रपति ने सपरिवार सरयू नदी के दर्शन किए और आरती की। इस अवसर कर उन्होंने कहा कि सरयू नदी अनादि काल से भारतीय सभ्यता तथा सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न हिस्सा रही है- “यह दिव्य अनुभव अगाध आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाला है। इस अवसर पर हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा उपसभापति, सूर्य प्रताप शाही, मंत्री, उत्तर प्रदेश, पी. सी. मोदी, राज्यसभा महासचिव, चंपत राय, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव उपस्थित थे।