जीव-जंतु, पेड़-पौधे में रूचि रखने वाले, इनकी प्रजातियों का संरक्षण करने और चिड़ियाघर प्रबंधन सीखने के लिए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करेगा। जो छात्र मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर कर रहे हैं या पूरा कर चुके हैं, उन्हें चिड़ियाघर से इंटर्नशिप करने का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा।
चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि ये पहली बार होगा कि दिल्ली चिड़ियाघर में इस तरह का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बहुत से विद्यार्थी जीव-जंतु, पेड़-पौधों के क्षेत्र में शोध पर भी काम करते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए शोध से संबंधित विशेष कार्यक्रम शुरु करने की योजना है। ताकि वो यहां आकर कुछ नया सीखें।
कितने दिन की होगी इंटर्नशिप
उनके मुताबिक इंटर्नशिप 30 दिन से तीन माह तक की हो सकती है। वहीं, इसमें जानवरों के व्यावहारिक अध्ययन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का आर्थिक मूल्यांकन, आगंतुकों का सर्वेक्षण, जैव विविधता, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर अध्ययन समेत अन्य विषयों को शामिल करने की योजना है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही इसकी विस्तृत योजना तैयार कर साझा किया जाएगा।
स्वयंसेवक योजना की होगी शुरुआत
निदेशक ने बताया कि बहुत से ऐसे आगंतुक है जो चिड़ियाघर में अक्सर आते हैं। ऐसे में उनको चिड़ियाघर से जोड़ने के लिए स्वयंसेवक योजना शुरू की जाएगी। जिससे जुड़ कर आगंतुक चिड़ियाघर में आकर कुछ सीख सकेंगे और अपना योगदान दे सकेंगे।
वहीं, स्कूली विद्यार्थियों के लिए चिड़ियाघर में ग्रीष्म शिविर भी लगाया जाएगा। ताकि वो यहां आकर खूब मस्ती कर सकें और जानवरों के बीच कुछ पल बिताकर गर्मी की छुट्टियों को यादगार बना सकें।
जानवरों के कल्याण के लिए पंजीकृत सोसाइटी
वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए चिड़ियाघर में जानवरों को गोद लेने की योजना चल रही है। इसके तहत पशु प्रेमी छोटे से लेकर बड़े जानवरों को एक वर्ष तक के लिए गोद ले सकते हैं। इनके एक वर्ष का खानपान और रखरखाव का खर्च गोद लेने वाले लोगों को उठाना होता है।
खर्च के रुपये लोगों को चिड़ियाघर को देने होते हैं। ऐसे में ये रुपये सीधे जानवरों के हित के लिए हो और इसमें पारदर्शिता हो इसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन जानवरों के कल्याण के लिए एक पंजीकृत सोसाइटी बनाने की योजना बना रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जानवरों की देखभाल के लिए दान देने में आगे आए। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोग जानवरों को गोद लेने के लिए इच्छुक हो इसको लेकर भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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