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मुलायम के गढ़ में पूरी रफ्तार से दौड़ी साइकिल, भाजपा से छीनीं चार सीटें

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गढ़ में साइकिल पूरी गति से दौड़ी। यादवलैंड की छह सीटों में मैनपुरी का रुतबा बरकरार रहा, जबकि सपा ने भाजपा से चार सीटें छीन लीं। सभी सीटों पर वोटबैंक बढ़ाने में भी कामयाब रही, जबकि फर्रुखाबाद में भाजपा तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाने में कामयाब रही।

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव था। ऐसे में भाजपा ने इस क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी यहां जनसभा की और श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा उठाया। इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनसभाएं कीं, लेकिन सपा ने टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस किया। हमेशा भाजपा का साथ देने वाले शाक्य और दोहरे बिरादरी के मतदाताओं को भी पार्टी से जोड़ा। यह कारगर साबित हुआ।

मैनपुरी में डिंपल यादव 2.21 लाख मतों से विजयी रहीं। उन्हें 56.79 फीसदी वोट मिले और भाजपा को 35.76 फीसदी। वर्ष 2019 में सपा को 53.75 फीसदी और भाजपा को 44.09 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि 2022 के उपचुनाव में यहां सपा को 64.08 फीसदी वोट मिले थे। इस तरह सामान्य चुनाव में सपा का वोटबैंक बढ़ा है। इटावा में सियासी तौर पर कठेरिया बनाम दोहरे बिरादरी के बीच संघर्ष होता है। भाजपा ने सांसद रामशंकर कठेरिया को दोबारा मौका दिया तो सपा ने बसपा से आए जितेंद्र सिंह दोहरे पर दांव लगाया और करीब 58 हजार वोट से चुनाव जीत लिया। यहां सपा को 47 और भाजपा को 41.82 फीसदी वोट मिले। वर्ष 2019 में सपा को 44.53 और भाजपा को 50.80 फीसदी वोट मिले थे।

इसी तरह कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 1.70 लाख से जीते हैं। उन्हें 52.74 फीसदी और भाजपा के निवर्तमान सांसद सुब्रत पाठक को 38.71 फीसदी वोट मिले। वर्ष 2019 में भाजपा को 49.37 और सपा को 48.29 फीसदी वोट मिले थे। फिरोजाबाद में सपा के अक्षय प्रताप यादव ने भाजपा प्रत्याशी विश्वदीप सिंह को करीब 89 हजार वोट से हराया। यहां भाजपा ने सांसद चंद्रसेन जादौन का टिकट काट दिया था। ऐसे में यहां भितरघात का भी सपा को फायदा मिला।

सपा को 49.09 और भाजपा को 40.98 फीसदी मत मिले। वर्ष 2019 में सपा को 43.41 और भाजपा को 46.09 फीसदी वोट मिले थे। एटा में राजवीर सिंह राजू को सपा के देवेश शाक्य ने करीब 25 हजार वोटों से हराया। यहां सपा को 47.07 और भाजपा को 44.34 फीसदी वोट मिले, जबकि वर्ष 2019 में भाजपा को 54.52 और सपा को 42.25 फीसदी वोट मिले थे।

फर्रुखाबाद ने लगाई हैट्रिक
फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत 2678 वोट से जीतकर तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्हें 47.2 फीसदी और सपा के डाॅ. नवल किशोर शाक्य को 46.94 फीसदी वोट मिले। वर्ष 2019 में भाजपा को 56.82 और बसपा को 34.72 फीसदी एवं कांग्रेस को 5.72 फीसदी वोट मिले थे। बसपा के मनोज अग्रवाल इस चुनाव में सपा के साथ थे।