भीषण गर्मी से आम आदमी भले बेहाल हो, लेकिन यही गर्मी जल विद्युत निगम के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। तापमान बढ़ने से ग्लेशियर पिघलने के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ा है, जिससे मनेरी भाली फेज-2 परियोजना के धरासू पावर हाउस में विद्युत उत्पादन बढ़ा है। यहां इस सीजन का अभी तक दो दिन में सर्वाधिक 7 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन दर्ज किया गया है।
दरअसल, यहां जल विद्युत निगम की मनेरी भाली फेज-2 परियोजना में विद्युत उत्पादन भगीरथी नदी के जलस्तर पर निर्भर करता है। वर्तमान समय में भीषण गर्मी से ग्लेशियर पिघलने की रफ्तार बढ़ी है, जिससे भागीरथी नदी का जलस्तर भी दो दिन में 150 से 180 क्यूसेक तक पहुंच गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से धरासू पावर हाउस में बिजली उत्पादन 7 मिलियन यूनिट पहुंच गया है।
इस सीजन का अभी तक का सबसे ज्यादा उत्पादन
निगम के जन संपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि दो दिन से धरासू पावर हाउस में वाटर डिस्चार्ज बढ़ने से उत्पादन 7 मिलियन यूनिट पहुंच गया है, जो कि इस सीजन का अभी तक का सबसे ज्यादा उत्पादन है।
बताया कि 304 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना में 76-76 मेगावाट की चार टरबाइनें लगी हुई हैं, जिनमें पहली से 69.29 मेगावाट, दूसरी से 74.48, तीसरी से 72.22 और चौथी से 74.36 सहित कुल रिकॉर्ड 290.46 मेगावाट उत्पादन दर्ज किया गया है।
उन्होंने मानसून सीजन में नदी का जलस्तर बढ़ने पर उत्पादन में और अधिक वृद्धि की उम्मीद जताई। हालांकि मानसून सीजन में नदी में सिल्ट बढ़ने का भी खतरा रहता है। जिससे उत्पादन को बीच में रोकना पड़ता है। बताया कि सिल्ट की समस्या नहीं रही तो मानसून सीजन में परियोजना से अच्छा उत्पादन मिलेगा।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal