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डीडीयू: गोरखपुर विश्वविद्यालय में इसी सत्र से विधि के छात्र पढ़ेंगे ‘नया कानून’

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में विधि के विद्यार्थी इसी सत्र से नए कानून की पढ़ाई करेंगे। इसे लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सर्कुलर जारी कर दिया है। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

नया पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए विधि संकाय में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाकर जल्द निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद विद्या परिषद एवं कार्य परिषद के समक्ष रखा जाएगा।

विश्वविद्यालय के विधि विभाग में पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस महीने तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि इसे अगस्त के पहले सप्ताह में बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास कराकर विद्या परिषद के समक्ष रखा जाएगा।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में विधि के पांच वर्षीय बीए एलएलबी, तीन वर्षीय एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। सभी पाठ्यक्रमों के सभी वर्षों को मिलाकर कुल 1500 से अधिक विद्यार्थी यहां पढ़ते हैं। विश्वविद्यालय के अलावा पांच कॉलेजों में बीए एलएलबी और चार कॉलेजों में एलएलबी की पढ़ाई होती है।

एलएलएम में क्रिमिनल लॉ ग्रुप में आईपीसी पढ़ाई जाती है। अब बीएनएस पढ़ाई जाएगी। इसके अलावा बीए एलएलबी और एलएलबी के सभी सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा।

पाठ्यक्रम के कुछ हिस्से में होगा बदलाव
आईपीसी की जगह अब भारतीय न्याय संहिता की पढ़ाई होगी। सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की पढ़ाई होगी। इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम को कोर्स में शामिल किया जाएगा। पाठ्यक्रम नए हिसाब से डिजाइन नहीं करना है, सिर्फ पाठ्यक्रम में आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट वाले हिस्से में बदलाव करना है। .

डीडीयू में विधि संकायाध्यक्ष प्रो अहमद नसीम ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से नए कानून के अनुसार पढ़ाई को लेकर सर्कुलर जारी किया गया है। उसके आदेशानुसार पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। इसे लेकर तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक आयोजित कर बदलाव पर फैसला लिया जाएगा।

एलएलबी के छात्र विकास मिश्रा ने बताया कि कानून में संशोधन से नई सामग्री और प्रक्रियाओं को सीखना होगा, पढ़ाई में कठिनाई जरूर हाेगी। पुराने और नए कानूनों के बीच अंतर समझने में भी परेशानी होगी, जिससे छात्रों के लिए इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में परिवर्तन आ सकते हैं। उन्हें नई प्रक्रियाओं के अनुसार अपने कौशल को अपडेट करना होगा।

एलएलएम के छात्र अरुण यादव ने बताया कि नया कानून समस्या पैदा करेगा। फिर से सारी धाराओं को क्रम से पढ़ना पड़ेगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी प्रभावित होगी। नया कानून न होकर री पैकेजिंग मात्र है। प्रतियोगी छात्रों पर पढ़ाई का भार और बढ़ जाएगा।

एलएलबी के छात्र राजन संजीव वर्मा ने बताया कि नया कानून हमारे समाज को एक नई दिशा देगा। यह अच्छी बात है, लेकिन हम ध्यान से देखें तो उसमें विशेष कुछ बदलाव नहीं हुआ है। सरकार उसे संशोधित भी कर सकती थी। इसकी वजह से छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

एलएलबी के सूरज मौर्या ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए। इससे सभी को दिक्कत होने वाली है चाहें अधिवक्ता हों या विधि छात्र। सभी को दोनों कानून को एक साथ पढ़ना पड़ेगा, जिसे समझने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।