शुक्रवार (12 जुलाई) को एक आदिवासी युवक की मौत के बाद त्रिपुरा में हिंसा भड़क गई है। राज्य के धलाई जिले के गंदा ट्विसा उपखंड में हिंसा भड़कने के बाद कई घरों और दुकानों में लूटपाट के बाद आग लगा दी गई है।
गंदा ट्विसा बाजार के बाहरी इलाके में पांच जगहों से हिंसा और आगजनी की खबरें आई हैं। संभावित हिंसा के मद्देनजर त्रिपुरा पुलिस के आईजी कानून एवं व्यवस्था सौमित्र धर और पुलिस अधीक्षक शुक्रवार रात से ही इलाके में डेरा डाले हुए हैं। हिंसाग्रस्त इलाके में उपद्रव को रोकने के लिए शनिवार सुबह से ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।
नुकसान के आकलन के लिए दो टीमों का गठन
समाचार एजेंसी एएनआई के बातचीत करते हुए गंदा ट्विसा के सबडिवीजनल मजिस्ट्रेट चंद्र जॉय रियांग ने कहा, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इलाके में कई जगहों से आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। हमने नुकसान के आकलन के लिए दो टीमें बनाई हैं, जिनमें डिप्टी कलेक्टर, मजिस्ट्रेट और तहसीलदार शामिल हैं। ये टीमें लोगों को हुए नुकसान का निरीक्षण और आकलन कर रही हैं।
नारायणपुर में 11 दुकानों को आग के हवाले किया
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक 20-कार्ड क्षेत्र में छह घरों में आग लगाई गई है। मजिस्ट्रेट चंद्र जॉय रियांग ने आगे बताया कि नारायणपुर में 11 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया और एक दुकान को लूट लिया गया। 33 केवी इलाके में दो दुकानों को आग लगा दी गई। एमआर दास पारा में तीन दुकानों को लूट लिया गया और दो बाइकों को आग लगा दी गई। 30-कार्ड क्षेत्र में 12 घरों को आग लगा दी गई है।
त्वरित कार्रवाई से रूकी हिंसा
इसके अलावा उन्होंने बताया कि 7-कार्ड क्षेत्र में 20 दुकानों को नुकसान पहुंचा। दुर्गापुर में एक घर, एक बाइक और एक चार पहिया वाहन को आग लगा दी गई। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से हमने हिंसा को और बढ़ने से रोकने में सफलता पाई है। हालांकि, हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
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