पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) की जांच में वाहन से निकलने वाले प्रदूषण के स्तर की सटीकता का पता नहीं लगाया जा सकता है। हाल में एक एजेंसी की तरफ से किए गए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। पता चला है कि पीयूसी सर्टिफिकेट लेने के बाद जब वाहन सड़क पर उतरता है तो उसमें से अधिक धुआं निकलता है। इतना ही नहीं, सीएनजी से चलने वाली गाड़ियां भी पीयूसी के तय मानकों से 14 गुना अधिक धुआं छोड़ती हैं।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) की तरफ से दिसंबर 2022 से अप्रैल 2023 के बीच रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल कर अध्ययन किया गया। इसमें दिल्ली और गुरुग्राम में बीस स्थानों पर 1.11 लाख अलग-अलग प्रकार की गाड़ियों की जांच की गई। इसमें पता चला कि पीयूसी सर्टिफिकेट से वाहनों से होने वाले प्रदूषण की सही तस्वीर सामने नहीं आ रही है। इसमें सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के वास्तविक रिपोर्ट काफी अलग है।
अध्ययन में पता चला कि भारत स्टेज (बीएस) 6 की गाड़ियों में प्रदूषण कम हो रहा है। बीएस 4 की तुलना में भारत स्टेज (बीएस) 6 में कारों से नाइट्रोजन ऑक्साइड (नोक्स) उत्सर्जन में 81% और बसों में लगभग 95% की कमी देखी गई। कॉमर्शियल वाहनों में अधिक नोक्स का उत्सर्जन होता है जबकि प्राइवेट या निजी वाहनों में काफी कम है। बीएस 6 टैक्सी और हल्के मालवाहन बेड़े, निजी कारों की तुलना में 2.4 और 5.0 गुना अधिक नोक्स उत्सर्जन करते हैं। सीएनजी गाड़ियों से भी उच्च स्तर पर नोक्स उत्सर्जित हो रहा है।
53 प्रतिशत वाहन दिल्ली के…..
अध्ययन के लिए 1.11 लाख गाड़ियों की जांच की गई। इसमें दो पहिया, तीन पहिया, कार, हल्के माल वाहक गाड़ियां और बसें शामिल थीं। 45 प्रतिशत गाड़ियां पेट्रोल की, 32 प्रतिशत सीएनजी की और 23 प्रतिशत डीजल की थी। इसमें सबसे अधिक गाड़ियां दिल्ली में पंजीकृत थीं। दिल्ली की 52.9 फीसदी, हरियाणा की 27.9 फीसदी, उत्तर प्रदेश की 13.7 फीसदी और 5.5 फीसदी अन्य राज्यों की गाड़ियां थीं।
जांच तकनीक को बदलने की है जरूरत….
आईसीसीटी ने सुझाव दिया है कि प्रदूषण को कम करने के लिए पीयूसी जांच में धुएं की जांच से जरूरी यह देखना है कि वह जब वास्तव में वाहन सड़क पर हैं तो कितना धुआं छोड़ रहा हैं। इसलिए धुएं की जांच की तकनीक को बदलने की जरूरत है। पीयूसी जांच प्रक्रिया में कुछ समय के लिए रिमोट सेंसिंग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे वाहन से प्रदूषण की स्थिति का पता चलेगा।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal