जब खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान वाली कहावत आज भी चरितार्थ हैं भीषण बारिश में चल रहें मनरेगा मजदूरों की आनलाइन उपस्थिति
सुल्तानपुर।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), जो केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, सुल्तानपुर जिले में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। लगातार बारिश के बीच फर्जी तरीके से श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। विकास खंडों में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों लाख रुपये का भुगतान बिना काम कराए ही हो रहा है।तीन दिनों से जहां भीषण बारिश हो रहीं हैं वहीं मनरेगा में धनलक्ष्मी वर्षा यंत्र भी लग गया हैं आंख में धूल झोकों योजना चल रही हैं।मनरेगा के तहत हो रहें कार्य में दिनांक *26/09/2024 को पूरे जनपद में 170127 मजदूरों की हाजिरी लगाई गयी वहीं 27/09/2024 को मनरेगा मजदूरों की हाजिरी 5788 और आज की बात करे तो 28/09/2024 को 1136 मजदूरों की आनलाइन हाजिरी लगाई गयी हैं। इन तीन दिनों में कुल 177,051 मजदूरों ने मनरेगा में कार्य किया। इन सब की मजदूरी की बात हो तो 177,051× 237 = 41,961,087 मतलब चार करोड़ 19 लाख 61 हजार 87 रुपए का घोटाला इस भीषण बारिश की आंड में तीन दिनो में सरकार को लगाया गया। हैं न सबका साथ सबका विकास वाला फार्मूला।तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को जहां प्रभावित किया है, लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
कहीं पुलिस चौकी में जलभराव हैं तो कहीं तहसीलों में तो कहीं सरकारी दफ्तरों में गांवों की हालत तो वैसे भी खराब हैं मिट्टी के मकानों की खबरें लगातार चल रहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की हाजिरी फर्जी तरीके से लगाई जा रही है। यह अपने आप में बड़ी बात हैं। जनपद के 14 ब्लॉकों में आज के भी दिन 1165 मजदूरों ने पानी में भीगकर मनरेगा का कार्य किया यह हम नहीं कह रहें सरकारी डेटा बता रहा हैं आज दोस्तपुर ब्लॉक में 245 मजदूर, धनपतगंज में 213 मजदूर ,कुड़वार में 167 मजदूर, कूरेभार में 142 मजदूर ,दोस्तपुर में 132 मजदूर, लम्भुआ में 104 मजदूर ,भदैया ब्लॉक में 91 मजदूर ,वल्दीराय में 37 अखण्डनगर में 19 मजदूर ,मोतिगरपुर में 15 मनरेगा मजदूरों ने यह पुनीत कार्य किया।
प्रधानों द्वारा पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल कर श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है और कार्य स्थल पर कोई काम नहीं हो रहा है यह तो मनरेगा के जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं यदि पूरे जनपद में 1165 मजदूरों ने भीगकर भीषण बारिश में कार्य किया वह चाहें चकमार्ग हो या नाला हो या तालाब मानों उन्होंने बहादुरी का मिशाल कायम किया हैं जब कोई घर से निकलने को बारिश में छतरी लेकर निकलने को तैयार नहीं ऐसे में उन मजदूरों ने आज मनरेगा की शाख और सम्मान दोनों बचाने का कार्य किया हैं यह खुले तौर पर लूट हैं या ऐसे कार्यों में छूट हैं यह तो अब डीसी मनरेगा के हाथों में है इन सभी ग्रामपंचायतों से जबाब मांगा जाए कि क्या यहां धूप तो नहीं निकली थी जो मनरेगा के तहत कार्य चल रहें थें।।