सनातन धर्म में छठ पूजा, भाई दूज और देवउठनी एकादशी समेत सभी पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इन पर्व को देशभर में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार नवंबर माह में मनाए जाते हैं। इसके अलावा इस माह में गोपाष्टमी, तुलसी विवाह, कार्तिक पूर्णिमा और उत्पन्ना एकादशी समेत आदि पर्व पड़ रहे हैं, जिनका सभी का विशेष महत्व है, तो ऐसे में चलिए नवंबर के त्योहार और व्रत की डेट (November 2024 Vrat List) के बारे में जानते हैं।
नवंबर 2024 व्रत और त्योहार की पूरी लिस्ट
02 नवंबर यानी आज गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है।
03 नवंबर को भाई दूज है।
05 नवंबर को नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरुआत होगी।
06 नवंबर को लाभ पंचमी और खरना है।
07 नवंबर को छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
08 नवंबर को छठ पूजा के चौथे दिन सूर्योदय कोअर्घ्य दिया जाएगा।
09 नवंबर को गोपाष्टमी और दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
10 नवंबर को अक्षय नवमी है।
12 नवंबर को देवउठनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
13 नवंबर को प्रदोष व्रत और तुलसी विवाह का त्योहार मनाया जाएगा।
15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली और सत्यनारायण व्रत है।
16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति मनाई जाएगी।
17 नवंबर को रोहिणी व्रत किया जाएगा।
18 नवंबर को संकष्टी गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
22 नवंबर को कालभैरव जयंती है।
23 नवंबर को कालाष्टमी है।
26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी व्रत है।
28 नवंबर को प्रदोष व्रत है।
29 नवंबर को मासिक शिवरात्रि है।
ये है भाई दूज के दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पंचांग के आधार पर इस बार का त्योहार 03 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
देवउठनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर होगा। इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह का पर्व भी मनाया जाएगा। एकादशी व्रत पारण करने का मुहूर्त इस प्रकार है-
देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 12 नवंबर को सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 08 बजकर 51 मिनट तक है।
छठ पूजा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 07 नवंबर को देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 08 नवंबर को देर रात 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। अत: 07 नवंबर को संध्याकाल का अर्ध्य दिया जाएगा। इसके अगले दिन यानी 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।