प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार की राजधानी पटना में भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में कड़ा कदम उठाया है। पूर्व डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) जेल शिवेंद्र प्रियदर्शी की करीब 1.52 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया गया है। इनमें पटना के दो फ्लैट्स, बैंक बैलेंस, सोने-चांदी के आभूषण, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), केवीपी, एनएससी और म्यूचुअल फंड्स में निवेश शामिल हैं। ED के अनुसार, ये संपत्तियां प्रियदर्शी ने अपनी और पत्नी के नाम पर भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित की थीं।
आय से अधिक संपत्ति का पुराना केस, अब ED की कार्रवाई
शिवेंद्र प्रियदर्शी पर 2017 से आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। पहली FIR उसी साल दर्ज हुई थी, जब स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने उनके ठिकानों पर छापा मारा था। छापे में उनके घर से नकदी और अन्य निवेशों का पता चला, जिसमें SBI में 14 लाख रुपये की FD और 17 बैंक खाते शामिल थे। कुल अनुमानित खर्च 39.79 लाख और संभावित बचत 61.47 लाख रुपये पाई गई। 2022 में फिर छापेमारी हुई और 2023 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। तब से वे निलंबित ही हैं।
प्रियदर्शी मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग के निवासी हैं। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद 2014 में उन्हें DIG पदोन्नति मिली। वे बेउर, सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज और सिवान में जेल अधीक्षक रह चुके हैं। ED ने स्पष्ट किया कि जांच जारी है और आगे की कार्रवाई होगी।
SVU का 2017 का रेड: नकदी और फ्लैट्स जब्त
SVU ने 5 मई 2017 को प्रियदर्शी के पटना स्थित लश काउंटी और वृंदावन अपार्टमेंट में छापा मारा था। वहां से भारी नकदी बरामद हुई और आय से अधिक निवेशों का खुलासा हुआ। आरोप सिद्ध होने पर उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। अब ED ने इस मामले को और गहराई से लिया है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ नई बहस छिड़ गई है।
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