शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बुधवार को पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। कांग्रेस ने इस दौरान चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने दावा किया कि चुनाव आयोग बीजेपी और केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने सोचा था कि वे अपनी पुलिस और धन की मदद से हमेशा के लिए शासन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता संग्राम का सामना करना पड़ा और भारत बीजेपी शासन के तहत लोकतंत्र को बचाने के लिए एक बार फिर जन आंदोलन देखेगा।
विपक्ष ने लगाए बीजेपी पर कई आरोप
दरअसल, बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा में भाग लेते हुए टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने सरकार पर SIR के माध्यम से लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव ने वैलेट पेपर से वोटिंग प्रक्रिया को बहाल करने की मांग दोहराई। वहीं, चुनाव आयोग पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस सांसद ने पीएम पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार ने साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने में दो सप्ताह की देरी के लिए कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिए। वहीं, चुनाव आयोग ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कांग्रेस सांसद ने आश्चर्य जताया कि लोकतंत्र में ऐसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी ने साल 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान बांसवाड़ा में भाषण देते हुए दावा किया कि कांग्रेस सरकार महिलाओं के सोने और मंगलसूत्र छीन लेगी, तो कांग्रेस ने पीएम के आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज कराई। लेकिन चुनाव आयोग ने हमारा पत्र बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि बाद में जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के खिलाफ एक मनगढ़ंत शिकायत दर्ज करा दी। इससे साफ है कि चुनाव आयोग अब खुलेआम पक्षपात कर रहा है।
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