पाकिस्तान का कुर्रम जिला हिंसा की आग से दहल उठा है। यहां सुन्नी और शिया मुस्लिम के बीच दंगे भड़क उठे हैं। अब तक 68 लोगों की जान जा चुकी है। तीन दिन पहले यानी 21 नवंबर को एक काफिले में हमला किया गया था। इस हमले में करीब 40 लोगों की जान गई।
मरने वालों में अधिकांश शिया मुस्लिम थे। इसके बाद से ही हिंसा का दौर जारी है। कुर्रम जिला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पड़ता है। काफिले के हमले के जवाब में शिया समुदाय ने सुन्नी घरों को निशाना बनाया। जवाबी हमले में कु 28 लोगों की जान गई है।
हिंसा को रोकने में जुटी सरकार
रविवार को पाकिस्तान के अधिकारियों ने कबायली नेताओं से मुलाकात की। अधिकारियों का जोर किसी तरह संघर्ष को रोकने पर है। काफिले पर हमले के बाद कुर्रम में सुन्नी मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़की। दोनों पक्षों के सशस्त्र लोगों के बीच घमासान लड़ाई जारी है।
खैबर पख्तूनख्वा के सूचना मंत्री मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल दोनों पक्षों के नेताओं से मिलने कुर्रम पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने शिया और सुन्नी नेताओं से मुलाकात की। हिंसा को रोकने की कोशिश की जा रही है। हितधारकों के साथ बातचीत में सकारात्मक प्रगति हुई है।
बाजार और स्कूल बंद
कुर्रम में शिया और सुन्नी मुस्लिम एक दूसरे के घरों पर हमला कर रहे हैं। बाजार और स्कूलों को बंद कर दिया गया है। हिंसा के दौरान कई पेट्रोल पंपों को आग के हवाले कर दिया गया है। इंटरनेट सेवा भी ठप है। इस बीच, सरकारी प्रतिनिधिमंडल को ले जा रहे हेलीकॉप्टर पर भी गोलीबारी की गई। राहत की बात यह रही कि वह सुरक्षित उतरने में सफल रहा।
कुर्रम में हिंसा का इतिहास पुराना
कुर्रम में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के बीच संघर्ष का दशकों पुराना इतिहास है। पाकिस्तान की कुल 24 करोड़ की आबादी में 15 फीसदी शिया मुसलमान हैं। अगस्त महीने भी दोनों समुदाय के बीच हिंसा भड़की थी। इस दौरान 46 लोगों की मौत हुई थी। 200 लोग घायल हुए थे। 2023 में भी 20 लोगों की हिंसा में जान गई थी।
300 से ज्यादा दुकानों को फूंका
कुर्रम का बागान और बच्चा कोट हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। यहां दंगाइयों ने घरों, दुकानों और सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक 300 से अधिक दुकानों और 100 से ज्यादा घरों को फूंक दिया गया है। बता दें कि कुर्रम में पिछले कुछ महीनों में हुई हिंसा में करीब 150 लोगों की जान जा चुकी है।
क्यों भड़की हिंसा?
मौजूदा हिंसा के पीछे भूमि विवाद का मामला है। संघर्ष शिया बहुल जनजाति मालेखेल और सुन्नी बहुल जनजाति मडगी कलाय के बीच जारी है। पाराचिनार से 15 किमी दक्षिण में स्थित बोशेहरा गांव में स्थित भूमि के एक टुकड़े को लेकर यह दंगे भड़के हैं।
जानकारी के मुताबिक यह कृषि भूमि है। इसका स्वामित्व शिया जनजाति के पास है। मगर खेती करने के लिए इसे सुन्नी जनजाति को पट्टे पर दिया गया। इसी साल जुलाई में पट्टे की समय सीमा खत्म हो चुकी है। मगर सुन्नी मुसलमानों ने जमीन वापस करने से मना कर दिया। बस इसी बात पर पाकिस्तान का कुर्रम जिला सुलग उठा है।