Friday , November 29 2024

दिल्ली: तीन माह का बढ़ा इंतजार, मार्च में लागू होगी इलेक्टि्रक व्हीकल पॉलिसी

दिल्ली में 2019-20 में जहां चार फीसदी ई-व्हीकल होते थे। वहीं, पॉलिसी के आने के बाद 2022-23 में यह आंकड़ा कुल वाहनों में 12 फीसदी तक जा पहुंचा। यह देश में सबसे ज्यादा है। दिल्ली सरकार 2020 में यह पॉलिसी लेकर आई थी।

दिल्ली सरकार ने पुरानी इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पॉलिसी को मार्च 2025 तक बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत 1 जनवरी 2024 और उसके बाद खरीदे गए ई-वाहनों पर सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट मिलेगी। बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार अगस्त 2020 में सबसे प्रोग्रेसिव ई-व्हीकल पॉलिसी लेकर आई थी। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई।

उन्होंने कहा कि यदि कोई भी नागरिक जिसने 1 जनवरी 2024 और उसके बाद ई-व्हीकल खरीदे हैं, उन्हें जो सब्सिडी नहीं मिली थी, वह भी अब दी जाएगी। अब सब्सिडी 1 जनवरी 2024 और उसके बाद हर ई-व्हीकल की खरीद पर लागू होगी। यही नहीं जो भी ई-व्हीकल खरीदेगा उसे रोड टैक्स में छूट दी जाएगी। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई के तहत पॉलिसी को अब मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

दरअसल, राजधानी में 7 अगस्त 2020 को ईवी पॉलिसी लागू की गई थी, जो बीते वर्ष समाप्त हो चुकी है। इसे दो बार आगे बढ़ाया जा चुका है। इस दौरान दिल्ली में ई-वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। ईवी पॉलिसी ने दिल्ली में ई-वाहनों के लिए दिल्ली में जमीन तैयार की। इसके तहत चार्जिंग स्टेशन समेत दूसरी बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ। इसी क्रम में वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगस्त 2023 में हर सौ वाहनों की बिक्री में औसत 12 ई-वाहन थे।

अगले साल नई पॉलिसी होगी लागू

2022 में ईवी की बिक्री में 2021 की तुलना में 2.5 गुना वृद्धि हुई। ऐसे में ईवी पॉलिसी दिल्ली में वाहनों की वजह से प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के अलावा परिवहन विभाग ईवी पॉलिसी 2.0 पर भी काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि अगले साल पुरानी पॉलिसी को समाप्त कर नई लागू की जाएगी।

पंजीकृत ई-वाहन

2020  5189

2021  25809

2022  62241

2023  71610

2024  48752

नोट: आंकड़ा 8 अगस्त 2020 से 4 अगस्त 2024 तक का है।

डीएसएफडीसी कर्मचारियों को मिलेगा रुका हुआ वेतन

दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को एससी/एसटी/ओबीसी/माइनॉरिटी एंड हैंडीकैप फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीएसएफडीसी) के कर्मचारियों के रुके हुए वेतन के लिए 17 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीएसएफडीसी के कर्मचारियों की तनख्वाह भी शुरू कर दी गई है।

ये कॉरपोरेशन समाज के एससी/एसटी/ओबीसी माइनॉरिटी और दिव्यांगजनों को सस्ती दरों पर लोन देता है। मुझे जेल भेजकर इस कॉर्पोरेशन को भी बंद करने की साजिश रची गई थी, ताकि गरीबों को मदद न मिल सके।

इस दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि डीएसएफडीसी कर्मचारियों का वेतन जारी करने के लिए कैबिनेट ने 17 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी करने का निर्णय लिया है। केजरीवाल से नफरत करते-करते दूसरी पार्टियां दिल्ली के लोगों से भी इतनी नफरत करने लगीं कि इस कॉरपोरेशन के 125 से ज्यादा कर्मचारियों की महीनों तक तनख्वाह रोक दी। अब सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों को पुरानी रुकी तनख्वाह मिलेगी और आगे की तनख्वाह समय पर मिलती रहेगी। इससे जिन लोगों की इन कारपोरेशन में तनख्वाह रुकी थी, उन्हें जनवरी से अब तक की तनख्वाह दी जाएगी।

गुरु नानक आई सेंटर में शुरू

दिल्ली कैबिनेट ने गुरु नानक आई सेंटर में ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग की शुरुआत का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि सेंटर के ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग में छात्रों को चार साल का बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री कोर्स उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे युवा प्रोफेशनल तैयार किए जाएंगे। इस चार साल के प्रोग्राम में एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।

सही से आंखों की जांच व चश्मा न लगाने से समस्या बढ़ी है। ऐसे में लोग सही समय पर आंखों की जांच करवाकर चश्मा लें तो गंभीर बीमारियों की समस्या कम हो जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली की जनता को प्रशिक्षित ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा बेसिक आई केयर सर्विसेज प्रदान करने के लिए गुरुनानक आई सेंटर में ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग स्थापित की जा रही है। यह स्नातक कोर्स है।