जिले के ग्रामीण अंचलों में नदी पर पुल-पुलिया न होने के कारण लोग जिंदगी दांव पर लगाकर उफनती नदी पार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। चिचोली विकासखंड के ग्राम बोड़ रैय्यत में उल्टी-दस्त से पीड़ित महिला को परिजनों ने बैलगाड़ी के सहारे भाजी नदी पार कराई। इस दौरान नदी में तेज बहाव के कारण बैलगाड़ी के बहने का खतरा भी था, लेकिन बैलों ने जैसे-तैसे नदी पार करा दी। परिजनों ने मुख्य सड़क पर पहुंचने के बाद पीड़िता को ले जाकर चिचोली अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बैलगाड़ी से पीड़िता को उफनती नदी पार कराने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चिचोली विकासखंड के ग्राम बौड़ रैय्यत निवासी दयाराम इवने की पत्नी सुखमनी इवने (26) को शुक्रवार से उल्टी-दस्त प्रारंभ हो गए थे। उसे अस्पताल ले जाने के लिए गांव से मुख्य तक पहुंचने के लिए बीच में भाजी नदी में बाढ़ सबसे बड़ी बाधा बन गई थी। पीड़िता का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता देख उसके बड़े भाई बालिकराम इवने और बहन सीमा इवने ने बैलगाड़ी में सुखमनी को लिटाकर नदी पार करने की ठान ली। बैलगाड़ी में दोनों बैलों को जोतकर उफनती नदी जैसे-तैसे पार कर ली। इस दौरान कई बार पानी के तेज बहाव के कारण बैलगाड़ी अनियंत्रित भी हुई, लेकिन तीनों की खुशकिस्मती रही कि सकुशल नदी के दूसरी ओर सुरक्षित ढंग से पहुंच गए। बोड़ रैय्यत से एक किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर बैलगाड़ी से पीड़िता को लाने के बाद निजी वाहन से चिचोली अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में उपचार के बाद भी शाम तक उसकी हालत में सुधार न होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल के आरएमओ डा. रानू वर्मा ने बताया कि महिला को बलून अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। अत्यधिक उल्टी-दस्त होने के कारण उसकी किडनी पर भी असर हो गया है।
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