Saturday , March 29 2025

औरैया मर्डर केस में बड़ा खुलासा, तमंचे के बट से पीटकर दिलीप को किया था लहूलुहान

दिलीप की हत्या के आरोपी दुर्लभ ने पुलिस को बताया कि मौसेरे भाई अनुराग व उसकी प्रेमिका प्रगति ने उसको दो लाख रुपये में दिलीप की हत्या करने का लालच दिया था। इसी में आकर उसने अपने चचेरे भाई शिवम और दोस्त रामजी नागर के साथ मिलकर हत्या की सुपारी ले ली।

दिलीप हत्याकांड के दो आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार की रात मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसमें अनुराग का मौसेरा भाई श्यामू उर्फ दुर्लभ यादव व शिवम शामिल है। श्यामू ने तमंचे के बट से मारपीट गोली मारने की बात स्वीकारी है। पुलिस अधीक्षक ने शूटरों को गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

दिलीप हत्याकांड में शामिल शूटरों के आने की जानकारी पर गुरुवार रात को सहार थानाध्यक्ष पंकज मिश्रा स्वाट के साथ शाहपुर बंबा के पास वाहन चेकिंग कर रहे थे। देर रात को वहां से गुजर रहे दो युवक पुलिस को देख भागने लगे। पीछा करने पर बाइक सवार युवकों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों युवकों के दाहिने पैर में गोली लगी।

पुलिस दोनों घायलों को सीएचसी सहार ले गई। जहां से दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज चिचौली रेफर कर दिया गया। पूछताछ में दोनों शूटरों ने अपने नाम चमरौआ निवासी दुर्लभ उर्फ पिंटू उर्फ श्यामू यादव व शिवम यादव बताया। दुर्लभ ने पुलिस को बताया कि मौसेरे भाई अनुराग व उसकी प्रेमिका प्रगति ने उसको दो लाख रुपये में दिलीप की हत्या करने का लालच दिया था। इसी में आकर उसने अपने चचेरे भाई शिवम और दोस्त रामजी नागर के साथ मिलकर हत्या की सुपारी ले ली।

अनुराग ने दिलीप को पहचनवाया। इसके बाद उन्होंने एक बाइक को घटना अंजाम देने के लिए छिपा दिया था। इसके बाद दूसरी बाइक पर तीनों लोग दिलीप के पास पहुंचे और खेत में पोल लगवाने का झांसा देकर उसे साथ ले गए। पलिया गांव स्थित पटना नहर पुल के पास गेहूं के खेत में पहुंचने पर उन्होंने दिलीप पर तमंचे के बट से हमला कर दिया। दिलीप के हाथापाई करने पर उसने दिलीप के सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी। दिलीप के खेत में गिरने पर वह लोग उसे मरा समझ कर बाइक लेकर भाग निकले।

पुलिस अधीक्षक अभिजित आर शंकर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिलीप को 10 चोट मिलीं थीं। उसके सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी थी। पिटाई से सिर की हड्डी भी टूट गई थी। पकड़े गए दोनों घायल शूटरों को उपचार के बाद जेल भेज दिया गया है।

औरैया में हाइड्रा चालक दिलीप हत्याकांड में तीन परिवारों को धक्का लगा है। इस घटना से हर कोई सदमे में है। आरोपी अनुराग की बहन ने महिला के तौर पर चौंकाने वाली बात कही। उसका कहना था कि अगर उसका भाई गलत है तो उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन प्रगति के संबंध में उसका कहना था कि जो अपने पति की नहीं हुई, वो किसी और की क्या होगी। इतना कहते ही उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

इंटर तक की पढ़ाई कर चुकी प्रगति अपने घर में ही रहती थी। पड़ोसी अनुराग से वह पिछले करीब चार साल से प्यार की पींगें बढ़ा रही थी। इंटर पास करके दिबियापुर कस्बा में अपनी मौसी के यहां रहती थी। वहां आने-जाने के दौरान वह जमाने की नजरों से बचकर भी अनुराग से मिला करती थी। बड़ी और महंगी गाड़ियों के शौकीन अनुराग की लाइफ स्टाइल पर फिदा प्रगति ने कभी किसी को अपने प्यार की भनक नहीं लगने दी।

उसके परिवार का तर्क है कि वह अक्सर अपनी बड़ी बहन पारुल से मिलने उसके ससुराल मैनपुरी के भोगांव थाना के नगला-दीपा गांव जाती थी। वहीं उसकी नजरें दीदी के देवर दिलीप से टकरा गईं। अनुराग से प्रेम प्रसंग के बावजूद उसने दिलीप पर डोरे डाले। दोनों की जिद के आगे दोनों के ही परिवारों ने भी रजामंदी दे दी।

दिलीप धूमधाम से पांच मार्च को प्रगति संग सात फेरे लेकर उसे अगले दिन छह मार्च को अपनी दुल्हन बनाकर अपने घर ले गया। वहां वह सिर्फ पांच दिन ही रही और शादी के बाद पहली होली मायके में मनाने के लिए 10 मार्च को वापस आ गई।

पहले से ही दिलीप से अलग होने का मन बना चुकी प्रगति ने यहां आकर प्रेमी अनुराग से 17 मार्च को एक होटल में मुलाकात की और पति दिलीप को रास्ते से हटाने का खाका तैयार किया। अब जब उसकी कारिस्तानी सामने आ चुकी है तो मायके से लेकर ससुराल तक कोहराम मचा हुआ है।

न सात फेरे की लाज रखी न सुहाग के जोड़े की
अपने मेहंदी रचे हाथों से प्रगति ने जिस कारिस्तानी को अंजाम दिया और दिलवाया उसने सभी को झकझोर दिया। पूरा परिवार, गांव, ससुराल गम में डूबे हैं। प्रेमी के साथ खुद तो सलाखों के पीछे गई, परिवार को भी कभी न भूलने वाली टीस दे गई। गांव के ही युवक के प्रेम में अंधी होकर अपने ही सुहाग को खत्म करने वाली इस नवब्याहता की कारिस्तानी ने मायके को पूरी दुनिया के सामने रुसवा कर दिया। उनके होठों की चुप्पी से बेटी की करतूत का गुस्सा जाहिर हो रहा है। सूनी आंखों में उसके लिए नफरत का सागर हिलोरें लेता दिख रहा है। गांव वाले कहते हैं कि उसने ऐसा किया ही क्या है कि उसके बारे में बात की जाए। बेटियां दुल्हन के जोड़े में ससुराल जाकर मायके का मान बढ़ाती हैं, इसने अपने ही सुहाग का कत्ल करके न सात फेरों की लाज रखी न ही उस सुर्ख जोड़े का, जिसमें उसे विदा किया गया था।

गांव में पड़ोसी हैं प्रगति और अनुराग
औरैया सदर तहसील का छोटा सा गांव है सियापुर। भाग्यनगर ब्लॉक और फफूंद थाना की सीमा क्षेत्र में आने वाले इस बेहद छोटे से गांव में ही सिर्फ यादव बिरादरी के ही 25 परिवारों का घर है। कुल आबादी 80 लोगों की है। उनमें से कुछ आपस में रिश्तेदार हैं। अपनी ही मांग का सिंदूर खुद से पोछने वाली प्रगति और उसका प्रेमी अनुराग इसी गांव के निवासी हैं। प्रगति का मकान गांव के मेन रोड पर दो मंजिला है। उसके मकान के ठीक पीछे उसके प्रेमी अनुराग व उसके चाचा का मकान है। प्रगति का मकान दखलीपुर पंचायत की सीमा में आता है, जबकि बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर अनुराग का मकान पीहरपुर पंचायत में पड़ता है। आसपास रहने वाले यह लोग अलग-अलग पंचायतों के वोटर हैं।