देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लोग रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले सामानों की आनलाइन खरीदारी काे तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में मुंबई में कई ऐसे एप्लीकेशन भी चलन में हैं, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं और इनके जरिए खरीदारी करने वाले लोगों को नकली सामान पहुंचाया जा रहा है। आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing, EOW) की जांच में यह साबित हुआ है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने पिछले आठ महीनों में पांच करोड़ रुपये के दैनिक जरूरतों के रूप में इस्तेमाल होने वाले नकली सामान व खाद्य उत्पादों को जब्त कर लिया है और 61 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं ईओडब्ल्यू अपराध शाखा नियंत्रण इकाई के एक अधिकारी ने कहा कि कॉपीराइट उत्पादों से संबंधित 14 मामले और अन्य नकली उत्पादों के संबंध में 11 मामले मुंबई में दर्ज किए गए हैं।
99 प्रतिशत सामान नकली
आर्थिक अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ‘नकली सामान बेचने के आरोपियों की खुद की दुकानें और इनमें कई साामान को आनलाइन बेचा करते हैं। जांच में हमने पाया कि मुंबई के लोग रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उन्हें यह जान लेना चाहिए कि गैर मान्यता प्राप्त अप्लीकेशन के जरिए खरीदे जाने वाले 99 प्रतिशत सामान नकली होते हैं।’
अधिकारी ने कहा कि ऐसे ऐप्स के जरिए लोग जल्दी शिकार बन जाते हैं, क्योंकि यहां पर उपलब्ध सामान की कीमत असली सामान की तुलना में काफी कम होती है। उन्होंने बताया कि इस साल उन्होंने फ्लोर क्लीनर्स, मेक-अप आइटम, ब्रांडेड जूते, आईफोन मोबाइल एसेसरीज, सिंगल टच डायबिटिक मशीन, नमक और जींस जैसे नकली चीजों को जब्त की किया है। वहीं नकली खाद्य सामग्रियों में तेल, पनीर, दूध और बाइक लुब्रीकेंट्स, घड़ियां, इ-सिगरेट और अन्य कई तरह के सामान भी नकली मिलते हैं।
सामान खरीदने से पहले करें जांच
आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी ने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि सामान की खरीदारी के लिए पास की दुकानों, माल्स और डिपार्टमेंटल स्टोर पर जाना चाहिए। इसके साथ ही सामान का कंपनी नाम और एक्सपायरी डेट चेक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के नकली सामान न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। हम ऐसे नकली सामानों की बिक्री पर नजर रख रहे हैं और ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा।