लखनऊ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औद्योगिक परिवेश को और बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ‘इन्वेस्ट यूपी’ को मॉडल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन और फैसिलिटेशन एजेंसी के रूप में कार्य करना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि विशेषज्ञों की सेवाएँ ली जाएं। हमारे पास हर सेक्टर के इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट होने चाहिए, जो अपने अनुभव और विशेषज्ञता के अनुसार ग्लोबल लेवल पर इंडस्ट्री से सुविधाजनक ढंग से संवाद और समन्वय बना सकें और प्रदेश में अधिकाधिक निवेश आए।
मंगलवार को इन्वेस्ट यूपी के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र को आत्मसात करते हुए विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश देश के सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में औद्योगिक जगत की पहली पसंद बन कर उभरा है। इस सकारात्मक माहौल को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ऑनलाइन फ्रंट एंड सिंगल विंडो बनाई गई है और उद्यमियों को इसका लाभ भी प्राप्त हो रहा है, किंतु अब भी कतिपय प्रकरणों में निवेशकों को स्वीकृतियों के लिए अन्य विभार्गों से संपर्क करना पड़ता है। इसी प्रकार, यह भी देखने को मिला है कि निवेश की श्रेणी के आधार पर विभिन्न स्तरों पर विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिए जाते हैं। इस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। पूरे अर्थों में ‘सिंगल विंडो’ की व्यवस्था लागू होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश मित्र की पुनर्संरचना की जाए। तकनीक की सहायता से ऐसी व्यवस्था करें, जिससे कि उद्यमियों के आवेदन अन्य विभागों को रीडायरेक्ट नहीं हो।सभी विभागों को जोड़ें। प्रत्येक आवेदन का निस्तारण तय समय सीमा के भीतर होना सुनिश्चित करायें। यदि तय समय सीमा के भीतर संबंधित विभाग द्वारा निस्तारण नहीं किया जाता है तो डीम्ड अनुमति मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगल विंडो एक्ट लागू किया जाए, जिसके अंतर्गत बड़े निवेश के लिए औद्योगिक विकास विभाग द्वारा एकल स्वीकृति मिलने की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक निवेशक हमारे लिए महत्वपूर्ण है। सभी की सुविधा, सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। बेहतर होगा कि इस कार्य में उद्यमी मित्रों का अधिकाधिक उपयोग किया जाए। निवेश सारथी पोर्टल को और उपयोगी बनाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट यूपी के अंतर्गत एक चेज़िंग सेल (अनुश्रवण प्रकोष्ठ) के गठन करे। इसमें अलग-अलग इंडस्ट्रियल सेक्टर के विशेषज्ञों को सम्मिलित करें। यह सेल संभावनाओं वाले सेक्टरों को तलाशे, संवाद और समन्वय बनाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश-दुनिया का हर निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्सुक है। विदेशों में इंडस्ट्री अप्रोच के लिए हमें भारत सरकार के दूतावासों से संपर्क-समन्वय बनाना उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इन्वेस्ट यूपी शासी निकाय की छमाही बैठक जरूर आयोजित की जाए।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल के अनुरूप बदलते वैश्विक औद्योगिक परिवेश का अधिकाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिले, इसके लिए कई नए सेक्टर के लिए भी नीतियां घोषित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास विभाग द्वारा वैश्विक क्षमता केंद्र (ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर), फुटवियर एंड लेदर पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, फिनटेक और फाइनेंसियल सर्विस पॉलिसी और बायोटेक पॉलिसी यथाशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगों के लिए भूमि की उपलब्धता पहली आवश्यकता है। लैंडबैंक विस्तार के प्रयासों को और तेज किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।