Wednesday , April 9 2025

बुधवार के दिन इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा, जल्द बनेंगे बिगड़े काम

बुधवार का दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि बुधवार व्रत करने से साधक को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन मंदिर या गरीब लोगों में दान करने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कैसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न?

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महादेव के पुत्र गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही मोदक समेत आदि चीजों का भोग भी लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन की सभी बाधा दूर होती है। साथ ही रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। पूजा के दौरान गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे करें भगवान गणेश की पूजा?

भगवान गणेश की पूजा विधि
इस दिन स्नान कर साफ कपड़े पहने।
चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और गणपति बप्पा की प्रतिमा को विराजमान करें।
माला और दूर्वा घास अर्पित करें।
दीपक जलाकर आरती करें।
गणेश स्तोत्र और मंत्रों का जप करें।
मोदक और फल का भोग लगाएं।
आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें।

गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश…
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश…