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बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर इस बार 2010 वाला खेला होगा?

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव परेशान होंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चिंत! बिहार विधानसभा चुनाव 2024 में क्या कुछ ऐसा होने वाला है? क्यों 2010 वाले खेला की स्थिति नजर आ रही है? जानिए, दावों-तैयारियों के बीच संभावना-आशंका का गणित।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी, यह बार-बार कहा जा रहा है। विपक्षी दल जो कहें, सत्तारूढ़ दलों के अंदर इस बात की बाहरी तौर पर तो सहमति साफ-साफ है। अब संकट सामने के खेमों में दिख रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जो दावे और तैयारी बता कर पटना से लौटे हैं, उससे तो लग रहा है कि कहीं कांग्रेस 2010 वाला खेला करने न उतर आए! ऐसा हुआ तो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को कदम फूंक-फूंक कर उठाना होगा। वैसे, अबतक के दावों और तैयारियों को देखें तो वर्ष 2000 और 2010 के बाद इस सदी में तीसरी बार बिहार की सभी सीटों पर कोई एक या कई दल चुनाव लड़ेंगे।

सभी सीटों पर लड़ने का कांग्रेस का रहा है रिकॉर्ड
आजादी के बाद, पिछली शताब्दी में तो कांग्रेस बिहार विधानसभा की अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी रही ही थी, इस सदी में भी दो बार इसने यह किया है। वर्ष 2000 और 2010 के बिहार चुनाव में कांग्रेस ने बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था। वर्ष 2000 में झारखंड बंटवारा नहीं हुआ था तो बिहार में 324 सीटें थीं। उस समय कांग्रेस ने सभी पर प्रत्याशी उतारे, हालांकि उसे महज 23 सीटों पर जीत मिली और 231 पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस समय जनता दल से निकलकर बनी लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बड़ी धमक दिखाई थी। राजद ने 293 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे, जिनमें से 124 ने जीत दर्ज की थी। झारखंड बंटवारे के बाद अबतक एक ही बार 2010 में बिहार की सभी सीटों पर किसी दल ने प्रत्याशी उतारे और वह भी कांग्रेस ही थी। कांग्रेस ने 2010 के बिहार चुनाव में सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इस चुनाव में कांग्रेस की हिम्मत को जनता ने हिमाकत करार दिया। कांग्रेस के महज चार विधायक बने और 216 की जमानत जब्त हो गई थी।

इस बार कांग्रेस बात नहीं कर रही, तैयारी दिखा रही
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस सीटों को लेकर बात नहीं कर रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में वह बात ही करती रह गई थी और राजद की ओर से अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बगैर समन्वय किए ही अपनी ओर से प्रत्याशी दिए जा रहे थे। बाद में सीटों पर कांग्रेस को ‘समझौता’ करना पड़ा। इस बार कांग्रेस ने बिहार चुनाव की तैयारी शायद महागठबंधन के दलों में सबसे पहले शुरू की है। कांग्रेस ने बिहार प्रदेश का प्रभारी बदला। फिर बिहार प्रदेश का अध्यक्ष भी दलित विधयक राजेश राम को बना दिया। राहुल गांधी लगातार बिहार दौरे पर आ रहे। इस बार तो उन्होंने राजद का नाम लिए बगैर उसके कोर वोटरों- पिछड़ा, अतिपिछड़ा और गरीब-गुरबा को अपने साथ जोड़ने की पूरी योजना बता दी। योजना बताने से पहले बिहार कांग्रेस में भारी संख्या में पिछड़ी जातियों के जिलाध्यक्षों को कमान भी सौंपी गई।

कांग्रेस का फैसला बाकी, इन दो दलों ने कर दिया एलान
बिहार की सभी 243 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी उतारेगी या दबाव बनाकर राजद से सीटें हासिल करेगी, यह फैसला सामने आना बाकी है। जो परिस्थितयां बन रही हैं, उनमें तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव को कांग्रेस से बात करने के लिए उतरना ही पड़ेगा। ऐसा होता है या नहीं, यह वक्त बताएगा। फिलहाल दो दलों ने बता दिया है कि वह बिहार चुनाव में सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा। जन सुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर ने पिछले साल उप चुनाव के समय ही बता दिया था कि वह बिहार की सभी सीटों पर प्रत्याशी देंगे। वह इस बात को कई बार दुहरा चुके हैं। पार्टी कल इसी के हिसाब से पटना में फिर एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है। इन तैयारियों के बीच चौंकाते हुए भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देने वाले बिहार में ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर शिवदीप वामनराव लांडे ने ‘हिंद सेना’ पार्टी का गठन करते हुए सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान कर दिया है।