Thursday , April 10 2025

निर्यातकों को जल्द मिल सकती है राहत, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कारोबारियों को दिया आश्वासन

गत दो अप्रैल को अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाने के बाद बुधवार को सरकार पहली बार निर्यातकों से मुखातिब हुई।

सरकार ने अमेरिकी शुल्क में राहत मिलने का भरोसा दिया
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने निर्यातकों को जल्द ही अमेरिकी शुल्क में राहत मिलने का भरोसा दिया है। अमेरिकी शुल्क में राहत के लिए कई दिशा में काम चल रहा है। इनमें अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने से लेकर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के पहले चरण को जल्द से जल्द पूरा करना शामिल है।

बुधवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) एवं विभिन्न सेक्टर के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ पारस्परिक शुल्क के बाद व्यापार की हालत पर घंटों चर्चा की।

बीटीए होने से पारस्परिक शुल्क का कोई मतलब नहीं रह जाएगा
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने निर्यातकों से कहा कि सरकार पारस्परिक शुल्क के असर को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा। यह भी कोशिश है कि अगले एक-दो माह में अमेरिका के साथ बीटीए कर लिया जाए। बीटीए होने से पारस्परिक शुल्क का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।मंत्रालय ने निर्यातकों से यह भी कहा है कि वे चीन व बांग्लादेश से सामान लाकर उसे निर्यात करने की कोशिश नहीं करे। सरकार इस पर सख्त नजर रख रही है। अमेरिका ने भारत के मुकाबले चीन व बांग्लादेश पर अधिक शुल्क लगाया है।

भारत में डंपिंग की आशंका बढ़ी
ट्रेड वार के दौरान चीन से भारत में विभिन्न वस्तुओं के आयात में भारी बढ़ोतरी की आशंका है। चीन भारत में अपने माल को दूसरे-तीसरे देश के रास्ते डंप कर सकता है। सरकार ने चीन से आने वाले माल की निगरानी बढ़ा दी है।

चुनौतियों के बावजूद निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
तमाम चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तु निर्यात ने 437 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लिया है। इससे पूर्व के वित्त वर्ष 2023-24 में 437 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात किया गया था।वस्तु व सेवा दोनों मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 800 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया गया है। इससे पूर्व के वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा को मिलाकर 778 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था।