समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन ने संसद में राजपूत राजा राणा सांगा पर टिप्पणी के बाद आगरा में उनके घर पर हुए हमले को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया और अदालत से सुरक्षा का प्रदान करने का अनुरोध किया। याचिका में सांसद ने आगरा में अपने मकान पर ‘करणी सेना’ संगठन द्वारा कथित हमले की निष्पक्ष जांच कराने और इस हमले में शामिल ‘करणी सेना’ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का भी अनुरोध किया है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने की संभावना है।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, विवाद उस समय शुरू हुआ जब रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को संसद में दिए एक बयान में कहा कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया। उन्होंने आगे तर्क दिया कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज बताया जाता है तो इसी तरह दूसरे समुदायों को भी राणा सांगा जैसे गद्दार के वंशज के तौर पर देखा जा सकता है। राजपूत विरासत पर सवाल खड़ा करने वाले इस बयान से ‘अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा’ और करणी सेना सहित राजपूत संगठन भड़क उठे।
26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर हमला कर की गई थी तोड़फोड़
इसके बाद, ‘करणी सेना’ के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की। याचिकाकर्ता सांसद के आरोप हैं कि ‘करणी सेना’ ने राणा सांगा पर टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की है और साथ ही धमकी दी है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो 12 अप्रैल को फिर इसी तरह का प्रदर्शन होगा।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, इस धमकी को देखते हुए उन्होंने सरकार से पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है और सुरक्षी प्रदान करने का अनुरोध करते हुए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई है, इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष यह रिट याचिका दायर की है।