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विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमज़ोर हुई है- शाहनवाज़ आलम

ओबीसी कांग्रेस द्वारा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर ‘मध्य पूर्व संकट और विदेश नीति की विफलता’ पर आयोजित हुई गोष्ठी

लखनऊ।। मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता के कारण आज हम ईरान जैसे पारम्परिक मित्र देश से न सिर्फ़ दूर हुए हैं बल्कि हमारी वैश्विक आवाज़ भी कमज़ोर हुई है. भारत सरकार को यूपीए चेयरमैन सोनिया गाँधी द्वारा लिखे गए लेख की रौशनी में अपनी विदेश नीति को ठीक करना चाहिए. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने ओबीसी कांग्रेस द्वारा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर मध्य पूर्व का संकट और विदेश नीति की विफलता विषय पर आयोजित गोष्ठी में कहीं.

प्रदेश कांग्रेस संगठन महासचिव अनिल यादव ने कहा कि अगर आज गाँधी होते तो फिलिस्तीन के पक्ष में मार्च निकालते, नेहरू होते तो संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की आज़ादी के पक्ष में भाषण देते. इंदिरा गाँधी होतीं तो यासिर आराफात को लाल क़िले पर बुलाकर दुनिया को साम्राज्यवाद के खिलाफ़ भारत का मजबूत सन्देश देतीं. राजीव गाँधी होते तो फिलिस्तीन के बच्चों के लिए किताबें भेजते. उनके तोड़े गए स्कूल बनवाते. लेकिन मोदी ने इज़राइल के साथ खड़ा होकर भारत को शर्मिंदा किया है.

पूर्व मंत्री डॉ मसूद ने कहा कि पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंट गयी है और हम किसी तरफ नहीं हैं. ट्रम्प विश्व शांति के लिए खतरा हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता खमनाई ने तीसरा विश्व युद्ध रोक दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शारिक अब्बासी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य झड़प पर ट्रम्प द्वारा सीज़ फायर कराने के दावे पर मोदी की चुप्पी ने पूरी दुनिया में भारत की छवि कमज़ोर कर दी है. हम अमरीका के दबाव में ईरान से सस्ता तेल नहीं खरीद पा रहे हैं. वहीं मनमोहन सिंह की लुक ईस्ट विदेश नीति से भी मोदी सरकार पीछे हट गयी जिसके कारण हमारे पड़ोसी देश भी हमसे अलग हो गए.

कांग्रेस नेता संजय शर्मा ने कहा कि आरएसएस चुनाव जीतने के लिए भारत को सूडान और नाइजीरिया जैसी हालत में भी पहुंचा सकता है. ईरान हमारी तरह ही बहुत प्राचीन सभ्यता है जबकि अमरीका और इज़राईल व्यावसायिक देश हैं. इसलिए ईरान हमारा स्वाभाविक मित्र है.

वरिष्ठ पत्रकार ओबैदुल्ला नासिर ने कहा कि एक ज़माने में भारत गुटनीरपेक्ष आंदोलन का अगुआ हुआ करता था जिसके कारण उसकी आवाज़ सुनी जाती थी. लेकिन मोदी सरकार में भारत की आवाज़ कमज़ोर हुई है.

वरिष्ठ पत्रकार शकील रिज़वी ने कहा कि भारत की आंतरिक नीति साप्रदायिक विभाजन पर टिक गयी है इसीलिए वैश्विक नीति में भी यही विभाजन दिखने लगा है. इससे भारत की वैश्विक हैसियत कमज़ोर हुई है.

कांग्रेस नेत्री ऋचा कौशिक ने कहा कि विश्व में शांति होगी तभी व्यापार और विकास सम्भव है. ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश को ईरान और इज़राइल युद्ध के खिलाफ़ शांति की अपील करनी चाहिए थी. लेकिन मोदी सरकार इसमें विफल रही.

कांग्रेस नेता नावेद नक़वी ने कहा कि मोदी अपने पडोसी देशों से भी अच्छे संबंध कायम नहीं रख पाए. नेपाल, बांग्लादेश, भूटान जैसे देश भी चीन के क़रीब चले गए.

कांग्रेस नेता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि अमरीका का भारत और पाकिस्तान विवाद के बीच हस्तक्षेप करने का साहस करना हमारी विदेश नीति की विफलता है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्त्तमान प्रदेश महासचिव मुहम्मद उमैर ने कहा कि गौतम बुद्ध और गाँधी के देश की सरकार का इज़राइल के साथ खड़ा होना शर्मनाक है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्त्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष अख्तर मलिक ने कहा कि भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी भी दुसरे देश के नेता के लिए नमस्ते ट्रम्प जैसा नारा नहीं लगाया था. लेकिन बावजूद इसके ट्रम्प मोदी को धमकी दे देते हैं और मोदी जी चुप रहते हैं.

बाराबंकी ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष मोहसिन खान ने कहा कि देश कि क्षेत्रीय पार्टियां वैश्विक मुद्दों पर कोई पक्ष नहीं रखती. सिर्फ़ कांग्रेस ही विदेश नीति पर बोलती है. प्रियंका गाँधी फिलिस्तीन के पक्ष में लगातार आवाज़ उठाती हैं. मोदी मणिपुर पर भी चुप रहते हैं और ईरान पर भी नहीं बोलते.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शमीम खान ने कहा कि मोदी सरकार में भारतीय पासपोर्ट की हैसियत गिर गयी है. विदेशों में रह रहे भारतियों की इज़्ज़त भी कम हुई है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्त्तमान महासचिव शमसुल हसन उमरा ने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय नेतृत्व ही मजबूत विदेश नीति तैयार कर सकता है. मोदी कमज़ोर नेता हैं इसलिए कमज़ोर विदेश नीति है.

कांग्रेस नेता मेराज वली खान ने कहा कि एससीओ की बैठक में मोदी सरकार का पहलगांव आतंकी हमले पर प्रस्ताव पास नहीं करा पाना शर्मनाक है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्त्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष मसूद खान ने कहा कि मोदी जी ने सिर्फ़ अम्बानी अडानी को विदेशी ठेके दिलवाने तक ही विदेश नीति को सीमित कर दिया है.

ओबीसी कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष शमीम कुरैशी ने फिर से तीसरी दुनिया को गोलबंद करने के लिए गुट निरपेक्ष आंदोलन को मजबूत करने की वकालत की.

अल्पसंख्यक कांग्रेस निवर्त्तमान प्रदेश महासचिव अनीस अख्तर मोदी ने कहा कि विदेश नीति तब बना करती थी जब देश में देसी सरकार होती थी. मौजूदा सरकार ही विदेशी एजेंट है इसलिए उसके पास विदेशों को फ़ायदा पहुँचाने वाली विदेश नीति है.

संचालन करते हुए प्रदेश प्रवक्ता अलीमुल्ला खान ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर से पहले भारत वैश्विक पटल पर पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में था. लेकिन मोदी सरकार की विफल विदेश नीति के कारण पाकिस्तान की हैसियत मजबूत हुई है.

गोष्ठी में कांग्रेस शहर अध्यक्ष डॉ शहज़ाद आलम, अल्पसंख्यक कांग्रेस निवर्त्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष शाहनवाज़ खान, सलमान जिया, शिव शंकर निषाद, अहमद रज़ा खान, नोमान खान आदि मौजूद थे.