दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार इन दिनों कथित शराब घोटाले को लेकर घिरी हुई है। शिक्षा के साथ आबकारी विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार इन दिनों कथित शराब घोटाले को लेकर घिरी हुई है। शिक्षा के साथ आबकारी विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर की तलाश भी ली जा चुकी है। जांच एजेंसी की ओर से सिसोदिया को आरोपी बनाए जाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है तो दूसरी तरफ ‘आप’ इसे फर्जी केस बताते हुए अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार योजना को रोकने की कोशिश बता रही है।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता पर घोटाले के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक जानकार इस गुना-भाग में भी जुटे हैं कि क्या इससे ‘आप’ की छवि को धक्का लगा है? क्या आप को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा या फिर ‘विक्टिम कार्ड’ खेलकर पार्टी इसका फायदा उठा सकती है? इस बीच सी वोटर ने ‘देश का मूड’ सर्वे में लोगों से यह सवाल भी पूछा। हालांकि, जनता की राय भी इस मुद्दे पर काफी बंटी हुई है।
एबीपी न्यूज के लिए किए गए सर्वे में लोगों से पूछा गया कि शराब घोटाले में छापेमारी से ‘आप’ को फायदा होगा या नुकसान? इसके जवाब में 40 फीसदी लोगों ने कहा कि फायदा होगा। वहीं, 42 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे पार्टी को नुकसान होने जा रहा है। 18 फीसदी लोगों का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं, इसी सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि पीएम मोदी के खिलाफ 2024 में नीतीश कुमार ज्यादा मजबूत उम्मीदवार होंगे या अरविंद केजरीवाल, तो अधिकतर लोगों ने दिल्ली के सीएम को ज्यादा बड़ी चुनौती बताया।
आप-भाजपा में चल रहा घमासान
गौरतलब है कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की ओर से की गई जांच की सिफारिश पर जब से सीबीआई ऐक्शन में आई है, भाजपा भी ‘आप’ के खिलाफ बेहद आक्रामक मोड में है। पार्टी लगभग हर दिन सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन करती है तो प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर के जरिए पार्टी नेता सीएम अरविंद केजरीवाल से कई सवालों के जवाब मांगती है। ‘आप’ भी इस मुद्दे पर आक्रामक तरीके से पलटवार कर रही है और उसने सरकार गिराने की कोशिश का आरोप भी बीजेपी पर लगाया है। खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है।
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