कानपुर में चाइनीज बी बोज गैंग ने बेहद जटिल तरीके से अपना जाल फैला लिया है। यहां तक की कानपुर के मोबाइल नंबर पर भेजे गए एसएमएस चीन पहुंच रहे हैं। चीन में बैठे-बैठे गैंग भारत के खातों को ऑपरेट करता है।

कानपुर में चाइनीज गैंग ने बहुत ही जटिल तरीके से यहां अपना नेटवर्क फैला रखा है। चीन में बैठकर वह भारत में खातों को ऑपरेट करता है। इसके लिए गिरोह ने एक मैसेज फॉरवर्ड एप तैयार किया है, जो यहां के फोन पर इस्तेमाल होता था पर मैसेज सारे चीन और हांगकांग जाते थे। इनमें बैंक के ओटीपी समेत अन्य डिटेल रहती थी। यह खुलासा गिरफ्तार तीनों आरोपितों ने किया है।
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने इस गिरोह के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के एसआई पुनीत तोमर और उनकी टीम को लगाया था। डीसीपी ने बताया कि गिरोह की जांच करते हुए 30 मोबाइल नम्बरों की जानकारी मिली जो नोएडा, कानपुर और हरियाणा के हैं। असल में ये चीन और हांगकांग में एक्टिवेट हैं और इन नम्बरों पर सिर्फ मैसेज जाते हैं। जांच में यह पता चला है कि बीते दो सालों में 2500 मोबाइल नम्बर इंदौर से एक्टिवेट कराए गए थे।
एटीएस दो साल से कर रही जांच एटीएस भी ऐसे ही एक मामले में बीते दो साल से जांच कर रही है, जिसमें यहां के नम्बर विदेशों में एक्टिव हैं और उन पर सिर्फ एसएमएस जाता है। एटीएस ने डेढ़ साल पहले एक चीनी नागरिक को जेल भी भेजा था और एक चीनी नागरिक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। उस मामले के तार इस मामले से जुड़े हैं कि नहीं इसकी भी जांच चल रही है।
नेपाल बुला मिलता था चीनी
चीनी नागरिक बी बोज उर्फ वीबी और जूली बीते चार साल से इस तरह की धोखेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान उनका भारत में अपने कुछ एजेंट्स से झगड़ा भी होता रहा है। वह उन सभी को नेपाल में बुलाकर मुलाकात कर झगड़े सुलझाता था।
हाथ काटने वाले को दस लाख का इनाम
चीनी नागरिक टेलीग्राम एप पर एक ग्रुप बनाए था। इसके जरिए वह सभी के सम्पर्क में रहता था। यश ने चाइनीज को ही ठग लिया था। इस पर उसने ग्रुप में मैसेज डाला था कि जो कोई यश यादव का हाथ काटकर देगा, उसे दस लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही उसने कहा था कि उसे रास्ते से हटा दो। क्राइम ब्रांच इस मामले में यश यादव को सरकारी गवाह बनाएगी।
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