प्रदेश के जिन जिलों में कम बारिश हुई उन जिलों के किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश का उद्यान विभाग सब्जियों की अगैती प्रजातियों की पौध और बीज नि:शुल्क वितरित करेगा। ऐसे एक किसान को अधिकतम पांच सौ पौध और दशमलव एक प्रति एकड़ के हिसाब से इन सब्जियों के बीजों का मिनी किट दिया जाएगा। इन सब्जियों में मटर, पालक, टमाटर, गोभी, राई, मेथी, मूली आदि शामिल हैं।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विभागीय कामकाज की समीक्षा में ये निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने रबी की फसलों की बोवाई की तैयारी भी शुरू करने के लिए कहा। इस बार सहकारिता विभाग अनिवार्य रूप से रबी की फसलों के बीजों का किसानों को अनिवार्य रूप से वितरण करेगा।
कृषि मंत्री शाही ने कहा कि आगामी रबी सीजन की तैयारी के लिए कृषि व संबंधित विभागों के बीच समन्वय बना कर दलहन, तिलहन व मिलेट्स के उत्पादन तथा उसके क्षेत्र विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही नैनो खाद व कीटनाशकों के प्रयोग के लिए किसानों को भी जागरूक किया जाएगा। रबी सीजन की तैयारियों की रणनीति को लेकर आगामी 12 अक्तूबर को लखनऊ में राज्य स्तरीय रबी गोष्ठी आयोजित की जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शीघ्र ही किसानों को सब्जियों, दलहन-तिलहन, तथा मिलेट्स के बीजों के निःशुल्क किट शीघ्र उपलब्ध कराएं।
बैठक में उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि अवसंरचना विकास (कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) के तहत केंद्र सरकार द्वारा 844 परियोजनाओं के लिए 320 करोड़ रुपयों की धनराशि जारी कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में आगामी रबी सीजन के लिए अग्रिम रणनीति बनाना आरंभ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि कृषि अवसंरचना विकास के तहत चावल, गेहूं, तेल, दाल की मिलें, कोल्ड स्टोरेज चेन और फूड प्रोसेसिंग यूनिट इत्यादि का विकास किया जाता है। कृषि मंत्री द्वारा कृषि, सहकारिता, उद्यान, गन्ना के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे 31 मार्च 2023 तक 2 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की रिपोर्ट भारत सरकार के पोर्टल पर सबमिट करना सुनिश्चित करें।
बैठक के दौरान प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी और अन्य विभागीय उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।