राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहद की बढ़ती मांग को देखते हुए दुग्ध विकास विभाग ने दूध के साथ शहद के कारोबार में कदम उठाने का निर्णय लिया है। शहद उत्पादन के लिए हरिद्वार में एफपीओ का गठन किया गया है।
प्रदेश में दूध का कारोबार कर रही उत्तराखंड सहकारी दुग्ध फेडरेशन (यूसीडीएफ) जल्द ही आंचल ब्रांड का शहद भी बाजार उतारेगा। इसके लिए फेडरेशन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पहले चरण में हरिद्वार जिले में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया है। जिसके माध्यम से दुग्ध उत्पादक किसानों की दोगुनी आय करने के लिए मौनपालन से भी जोड़ा जाएगा।
अब तक एफपीओ ने 450 से अधिक सदस्य बनाए हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहद की बढ़ती मांग को देखते हुए दुग्ध विकास विभाग ने दूध के साथ शहद के कारोबार में कदम उठाने का निर्णय लिया है।
किसानों को शहद उत्पादन से भी जोड़ा जाएगा
अभी तक यूसीडीएफ के माध्यम से आंचल ब्रांड के नाम से दूध का व्यवसाय किया जाता है। दुग्ध सहकारी समितियों से प्रदेश के 52 हजार से अधिक किसान जुड़े हैं, जिनसे प्रतिदिन 2.25 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जाता है। इसके बाद दूध को आंचल ब्रांड के नाम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है।
खुले और पैकेट बंद दूध के साथ ही आंचल मीठी लस्सी, मसाला छाछ, क्रीम, आइसक्रीम, दही, घी, पनीर आंचल ब्रांड के नाम से बिक रहे हैं।पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि जल्द ही आंचल शहद को लांच किया जाएगा। दूध का व्यवसाय करने वाले किसानों को शहद उत्पादन से भी जोड़ा जाएगा।
कहा, इससे किसानों को दोगुनी आय प्राप्त होगी। बताया, शीघ्र ही विभाग के माध्यम से नेशनल बी बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एफपीओ से जुड़े किसानों को मौनपालन के लिए बॉक्स और मधुमक्खी उपलब्ध कराई जाएगी।
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