पाकिस्तान को एक बलूच युवक की बहन की भूख हड़ताल के आगे झुकना पड़ा है। वह करीब छह महीने पहले जबरन उठाए गए अपने भाई की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। उनके इस कदम से पाकिस्तानी सेना की निरंकुशता के खिलाफ स्थानीय स्तर पर जनाक्रोश बढ़ रहा था।
बलूच समुदाय के लोगों को यातनाएं दी जाती हैं
नतीजन स्थानीय प्रशासन को हड़ताल खत्म कराने के लिए यह कहना पड़ा कि वह दस दिन में उनके भाई को खोज निकालेगा। यह मामला बलूचिस्तान के अवारन जिले का है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ ही बलूचों पर भी अत्याचार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की ओर से अक्सर ही बलूच समुदाय के लोगों को जबरिया उठा लिया जाता है और उनको यातनाएं दी जाती हैं।
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थी महिला
बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षा बल ने 12 जून, 2024 को दिलजान बलोच को अवारन स्थित उनके घर से उठा लिया था। तब से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। दिलजान की वापसी की मांग को लेकर उनके परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने 18 नवंबर को अवारन में मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया। जबकि दिलजान की बहन ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा, ‘हमने जवाब के लिए बहुत लंबा इंतजार किया है। यह भूख हड़ताल ही हमारी आखिरी उम्मीद है।’ इसके बाद स्थानीय प्रशासन को उनकी मांग के आगे झुकना पड़ा। अधिकारियों ने दस दिन में इस मामले के समाधान का वादा करके उनका प्रदर्शन खत्म कराया। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई प्रगति सामने नहीं आई है।
कराची समेत पाकिस्तान के कई इलाकों से बलूच पुरुष लापता
इस बीच, बलूच वायस फार जस्टिस संगठन ने जबरन लापता किए गए दिलजान और उनके परिवार के प्रति एकजुटता बढ़ाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर अभियान चलाया। संगठन ने बताया कि दिलजान की वापसी की मांग को लेकर अक्टूबर में भी कई दिनों तक धरना दिया गया।
इधर, कराची समेत पाकिस्तान के कई इलाकों से दस बलूच पुरुषों को जबरन लापता किए जाने का मामला सामने आया है। जबकि बलूचिस्तान में भी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 50 से ज्यादा बलूचों के लापता होने की खबर है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने इस पर गहरी चिंता जताई है।