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दिमाग के ज्यादा स्ट्रेस को शांत रखने के लिए रोज करें ये 5 प्राणायाम

आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम लोग ज्यादातर स्ट्रेस में रहते हैं। इसके कारण सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है। ज्यादा स्ट्रेस शरीर में सूजन हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं की वजह बनता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। तनाव कम करने में प्राणायाम काफी फायदेमंद है। आइए जानें तनाव कम करने के लिए 5 प्राणायाम।

काम और पर्सनल लाइफ के प्रेशर में स्ट्रेस और एंग्जायटी की समस्या काफी बढ़ रही है। ज्यादातर लोग आजकल तनाव में रहते हैं, जिसका असर उनकी सेहत पर भी देखने को मिलता है। ज्यादा स्ट्रेस की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सूजन और इनसोम्निया का खतरा रहता है। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए जरूरी है कि तनाव को कंट्रोल किया जाए।

तनाव कम करने में प्राणायाम काफी फायदेमंद है। दरअसल, प्राणायाम एक प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जो न सिर्फ फिजिकल हेल्थ, बल्कि मेंटल के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है। इसलिए अगर स्ट्रेस कम करना चाहते हैं, तो आपको रोजाना ये 5 प्राणायाम करने चाहिए, जो आपको मानसिक शांति देंगे।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम
यह सबसे आसान और असरदार प्राणायाम है। इसे करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। अनुलोम-विलोम करने से फोकस भी बढ़ता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी काफी मदद मिलती है।

कैसे करें?
सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नथुने को बंद करें और बाएं नथुने से सांस लें।
फिर अनामिका उंगली से बाएं नथुने को बंद करके दाएं नथुने से सांस छोड़ें।
इसी प्रक्रिया को अब उल्टी दिशा में दोहराएं।
5-10 मिनट तक रोज इसकी प्रैक्टिस करें।

भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम मधुमक्खी की गुंजन की तरह किया जाने वाला प्राणायाम है, जो तनाव को तुरंत कम करता है। रोजाना यह प्राणायाम करने से एंग्जायटी और डिप्रेशन कम करने में काफी मदद मिलती है। साथ ही, यह दिमाग को शांत करके नींद न आने की समस्या दूर करने में भी काफी मदद करता है।

कैसे करें?
आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं।
आंखें बंद करके गहरी सांस लें।
अब ‘ओम’ का उच्चारण करते हुए या मधुमक्खी जैसी आवाज निकालते हुए सांस छोड़ें।
5-7 बार दोहराएं।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम शरीर के लिए काफी फायदेमदं होता है। इससे मन को स्थिरता मिलती है, जिससे फोकस अच्छा होता है। साथ ही, यह स्ट्रेस कम करता है और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त बनाता है। साथ ही, इससे मन की नेगेटिविटी दूर होती है।

कैसे करें?
रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर बैठें।
तेजी से सांस छोड़ें और पेट को अंदर की ओर संकुचित करें।
सांस लेने में जोर न दें, यह स्वतः होगा।
प्रारंभ में 30-50 बार करें, धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं।
उज्जायी प्राणायाम
यह प्राणायाम गले से खास तरह की आवाज निकालते हुए किया जाता है। इससे मन शांत होता है और स्ट्रेस भी कम होता है। साथ ही यह थायरॉइड ग्लैंड के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। उज्जायी प्राणायाम करने से फोकस भी बढ़ता है।

कैसे करें?
सुखासन में बैठकर गहरी सांस लें।
गले को थोड़ा सिकोड़ें ताकि सांस लेते और छोड़ते समय हल्की आवाज हो।
इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।
शीतली प्राणायाम
यह प्राणायाम शरीर को ठंडक पहुंचाता है और गुस्से और चिड़चिड़ेपन को शांत करता है। इस प्राणायाम को करने से शरीर का तापमान कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।

कैसे करें?
जीभ को रोल करके होठों से बाहर निकालें।
मुंह से सांस लेकर नाक से छोड़ें।
5-7 बार दोहराएं।