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इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने से खुश हैं पूर्व कोच गैरी कस्टर्न

भारत के शानदार प्रदर्शन के बाद कर्स्टन ने मुख्य कोच गौतम गंभीर की प्रशंसा की और बताया कि टीम की सफलता उन्हें आज भी उत्साहित करती है।

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर और भारत के पूर्व मुख्य कोच गैरी कर्स्टन ने भारतीय टीम के इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज ड्रॉ होने पर खुशी व्यक्त की है। शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम ने ओवल में पांचवें टेस्ट में छह विकेट से रोमांचक जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर कर ली थी। भारत को पांचवें टेस्ट में जीत दिलाने में तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का अहम योगदान था जिन्होंने मैच में कुल नौ विकेट लिए थे।

भारत ने लगातार दूसरी में इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कराई
यह लगातार दूसरी बार है जब भारत ने इंग्लैंड में 2-2 से सीरीज ड्रॉ की है, इससे पहले विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में 2021-22 के मुकाबले में भी भारत ने 2-2 से बराबरी हासिल की थी। भारत के शानदार प्रदर्शन के बाद कर्स्टन ने मुख्य कोच गौतम गंभीर की प्रशंसा की और बताया कि टीम की सफलता उन्हें आज भी उत्साहित करती है।

कस्टर्न ने कहा, मैं भारतीय क्रिकेट टीम के इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज बराबर करने पर बहुत खुश हूं और यह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा है। मैं गौतम गंभीर के लिए भी बहुत खुश हूं, मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। टीम के साथ उन्होंने जो हासिल किया है, उससे मैं बहुत खुश हूं। वे इस समय बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हम सभी भारतीय टीम की सफलता से उत्साहित होते हैं। मैं निश्चित रूप से उत्साहित हूं और उनके पास अब युवा खिलाड़ियों का एक शानदार समूह उभर रहा है और उनका समर्थन करना वाकई रोमांचक है।

कस्टर्न ने भारतीय टीम के साथ कोचिंग के दिनों को याद किया
कस्टर्न ने टीम इंडिया के साथ अपने कोचिंग के दिनों की एक घटना को भी याद किया जब उन्होंने तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को उनकी बल्लेबाजी सुधारने में मदद की थी, जिससे टीम को 2010 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक टेस्ट मैच जीतने में मदद मिली थी। कस्टर्न ने कहा, भारतीय टीम के साथ मेरे तीन साल का एक यादगार अनुभव इशांत शर्मा को बैटिंग पैड्स के साथ नेट्स पर उतारना और फिर वीवीएस लक्ष्मण के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में उन्हें 48 गेंदों का सामना करवाकर मैच जितवाना था। उनकी बल्लेबाजी पर काम करना मेरे लिए एक यादगार अनुभव था। नेतृत्व के नजरिए से मुझे यह बहुत पसंद आया क्योंकि उन्हें लगता था कि वह बल्लेबाजी नहीं कर सकते।