यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आगरा के बल्केश्वर, फाउंड्री नगर सहित किनारे बसे निचले इलाकों में पानी घुस रहा है। इतना ही नहीं खेत जलमग्न हो गए हैं।
आगरा में यमुना का उफान खतरे का निशान छूने के लिए आतुर है। सोमवार को नदी चेतावनी स्तर से महज आठ इंच यानी 0.66 फुट नीचे थी। रात में जलस्तर बढ़ने की आशंका है। बल्केश्वर, फाउंड्री नगर के निचले इलाकों में यमुना का पानी घुस रहा है। पोइया घाट पर खेत जलमग्न हो गए हैं।
वाटर वर्क्स पर सोमवार शाम 7 बजे यमुना जलस्तर 494.4 फीट था। 24 घंटे से जलस्तर में कमी नहीं आई। खतरे का निशान 495 से 499 फीट तक है। बाढ़ की आशंका से प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया है। सबसे पहले बाढ़ की जद में आने वाले 40 गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सिंचाई विभाग में बाढ़ नियंत्रण कक्ष से हर घंटे नदी के जलस्तर और बैराजों से हो रहे डिस्चार्ज पर नजर रखी जा रही है। सोमवार को गोकुल बैराज से आगरा की तरफ यमुना में 73,832 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी एवं एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला का कहना है कि बाढ़ का खतरा नहीं है। आकस्मिक स्थिति में बचाव व राहत के लिए टीमें तैयार हैं। यमुना के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। पहाड़ों पर बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो यमुना पर बने बैराजों से डिस्चार्ज बढ़ सकता है।
अब तक की स्थिति
– 533 मिमी बारिश अब तक हो चुकी शहर में
– 26,269 क्यूसेक पानी छोड़ा गया ओखला बैराज से
– 15,888 क्यूसेक पानी छोड़ा गया ताजेवाला बैराज से
– 73,832 क्यूसेक पानी छोड़ा गया गोकुल बैराज से
यह है जलस्तर
– 494.4 फीट वाटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर
– 495 फीट आगरा में बाढ़ का न्यूनतम जलस्तर
– 499 फीट यमुना में मध्यम बाढ़ का जलस्तर
– 508 फीट सर्वाधिक बाढ़ का जलस्तर
बढ़ते जलस्तर से घाटों पर लगाए निगम कर्मचारी
यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से नगर निगम प्रशासन अलर्ट मोड पर है। यमुना किनारे स्थित हाथी घाट, बल्केश्वर और दशहरा घाट पर कर्मचारियों की तैनाती कर नजर रखी जा रही है। अपर नगर आयुक्त शिशिर कुमार ने बताया कि घाटों पर दो-दो कर्मचारी शिफ्ट के हिसाब से तैनात हैं। निर्माण विभाग के अभियंता को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने पर नालों के बैक होने की समस्या से बचने के लिए सैंड बैग तैयार किए गए हैं। ब्यूरो
यमुना में उफान…बटेश्वर में महिला स्नान घाट डूबा
विभिन्न बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण सोमवार को भी यमुना नदी में उफान जारी रहा। बटेश्वर में महिला स्नान घाट डूब गया है। दूसरे घाटों पर भी पानी बढ़ने के साथ बहाव तेज हो गया है। बटेश्वर, कल्यानपुर, भरतार, भौंर, स्याइच के कछार के खेत डूब गए हैं। तटीय गांवों के रास्तों में भी पानी भरने लगा है।
बाह के 35 गांवों के कछार के खेतों में यमुना के उफान का पानी भर गया है। तराई के गांव विक्रमपुर घाट, चरीथा, बड़ापुरा, कोट का पुरा, गगनकी, पुरा चतुर्भुज में बाढ़ की आशंका से ग्रामीण सहमे हैं। इन गांवोंं के बीहड़ से जुड़ने वाले रास्तों पर नदी के उफान का पानी भरने लगा है। लोग लगातार नदी के जलस्तर पर नजर गढ़ाए बैठे हैं। प्रशासन ने बचाव और राहत के लिए 5 बाढ़ चौकियां बटेश्वर, विक्रमपुर, पारना, कचौराघाट, रामपुर चंद्रसेनी में बनाई हैं।
एसडीएम बाह हेमंत कुमार ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर धीमी गति से बढ़ रहा है। आबादी क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है। नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को नदी क्षेत्र में न जाने के लिए सतर्क किया गया है। वहीं, बरौली अहीर के नगला तलफी, करभना, बुढ़ाना के गांवों के खेतों में फसलें डूब गई हैं। किसान राजाराम ,सत्यप्रकाश ,रामदीन ,लाखन सिंह, हरी सिंह, गिर्राज सिंह आदि ने बताया कि कछार की सारी फसल पानी में तबाह हो गई है।
तहसीलदार ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर सोमवार को तहसीलदार फतेहाबाद बबलेश कुमार ने शंकरपुर घाट और जोनेश्वर का निरीक्षण किया। लोगों को बाढ़ क्षेत्र में न जाने के लिए सतर्क किया। बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक गांव में लेखपालों की टीम भी भेजकर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।