नई दिल्ली. कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन अभियान में युवाओं की भागीदारी में इजाफा हुआ है. इस बात के संकेत 6 सितंबर को हुए एक करोड़ से ज्यादा टीकाकरण के आंकड़ों से मिलते हैं. सोमवार को देश में पहली बार 18-44 आयुवर्ग देश की बाकी वयस्क आबादी को कुल टीकाकरण के मामले में पछाड़कर आगे निकल गया है. 1 मई को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी गई थी. इसके बाद से ही इस आयुवर्ग में वैक्सीन की मांग काफी ज्यादा थी.
6 सितंबर को हुए टीकाकरण के बाद के आंकड़े बताते हैं कि देश में 18-44 आयुवर्ग में 34.8 करोड़ वैक्सीन दी जा चुकी है. यह आंकड़ा बाकी वयस्क आबादी को दिए गए 34.7 करोड़ डोज से ज्यादा है. इसमें सभी उम्र के स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं. 20.8 करोड़ डोज 45-60 आयुवर्ग में दिए गए. जबकि, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह आंकड़ा 13.8 करोड़ टीकों पर था.
यह अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छे संकेत हैं. क्योंकि ज्यादा से ज्यादा युवा और काम करने वाली आबादी कोविड के खिलाफ अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी से सुरक्षा हासिल कर रही है. मई में 18-44 आयुवर्ग के लिए शुरू हुए टीकाकरण के बाद यह पहली बार है, जब युवा आबादी ने बाकी वयस्क आबादी को वैक्सीन के मामले में पछाड़ा है. अन्य आयुवर्गों के लिए टीकाकरण की शुरुआत मार्च और अप्रैल में हो गई थी.
17 अगस्त को जानकारी दी थी कि पहले डोज के मामले में 18-44 आयुवर्ग की आबादी ने अन्य को पीछे छोड़ दिया है. दिल्ली, हरियाणा और गुजरात के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में भी कुल टीकाकरण में 18-44 समूह की भागीदारी करीब 60 फीसदी है. महाराष्ट्र और केरल में 18-44 आयुवर्ग के मुकाबले बाकी आबादी को ज्यादा वैक्सीन लगी है.
देश में 2021 में अनुमानित 94 करोड़ वयस्क आबादी में से 18-44 समूह में लोगों की संख्या करीब 60 करोड़ थी. जबकि, 34 करोड़ लोगों की उम्र 45 साल या इससे ज्यादा थी. 18-44 आयुवर्ग में युवाओं के पूर्ण टीकाकरण के लिए करीब 120 करोड़ डोज की जरूरत थी. इसमें से अब तक 34.8 करोड़ वैक्सीन दी जा चुकी है. 34.7 करोड़ टीकों के साथ 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के मामले में लगभग 50 फीसदी टीकाकरण हो चुका है. इस आयुवर्ग में कुल 68 करोड़ डोज की जरूरत थी.