नई दिल्ली. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान अब खुलकर दुनिया के सामने अपने रंग में आ गया है. बीते महीने काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद पाकस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक प्रशंसा की थी. अब पाकिस्तान चाहता है कि तालिबान को समझने के लिए दुनिया थोड़ा वक्त दे. इतना ही आतंकी नेटवर्क हक्कानी को लेकर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने अमेरिका की समझ पर सवाल खड़ा कर दिया है.
इमरान खान ने खुलकर कहा है कि ‘हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका कभी समझ ही नहीं सका’. हक्कानी नेटवर्क की छवि चमकाने के लिए उन्होंने कहा-‘हक्कानी पाकिस्तान की पश्तून ट्राइब है. ये लोग मुजाहिदीन थे जिन्होंने सोवियत के खिलाफ जंग लड़ी थी. इसका (हक्कानी नेटवर्क) जन्म पाकिस्तान के शरणार्थी कैंपों में हुआ.’ दरअसल इमरान खान पाकिस्तान और हक्कानी नेटवर्क के बीच संबंधों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे थे.
इमरान खान द्वारा हक्कानी को ट्राइब बताए जाने का खंडन पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान को सीएनएन पर कहते सुना कि हक्कानी अफगानिस्तान की ट्राइब है. ये कोई ट्राइब नहीं है. दारुल उलूम हक्कानिया अकोरा खट्टक KPK के सभी छात्रों को हक्कानी कहा जाता है. इनमें जलालुद्दीन हक्कानी भी शामिल है जिसने सोवियत यूनियन को हराने में बड़ा रोल अदा किया था.
इंटरव्यू के दौरान इमरान खान की भारत को लेकर खीझ एक बार फिर दिखाई दी. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के हटने के बाद अमेरिका के साथ संबंधों पर इमरान खान ने कहा-मेरी जो बाइडेन से बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा-अमेरिका को हमारे साथ वैसे ही संबंध रखने चाहिए जैसे वो भारत के साथ रखता है.
दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभाले हुए जो बाइडेन को कई महीने गुजर चुके हैं लेकिन उन्होंने अभी तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन नहीं किया है. ऐसे में पाकिस्तानी प्रशासन में निराशा है. पाकिस्तानी एनएसए ने तो यहां तक कह डाला था कि अमेरिकी राष्ट्रपति का पाकिस्तानी PM को फोन नहीं करना मेरी समझ से परे है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि काबुल पर तालिबानी शासन के बाद अमेरिका उसे तवज्जो देगा लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है.