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मुलायम- जनेश्वर के नाम पर सपा के बागियों ने मांगा

लखनऊ।। स्वाभिमान समाजवादी मोर्चा की ओर से रविवार को लखनऊ के विश्वेश्वरैया हाल में आयोजित जनसंवाद में सपा निशाने पर रही। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगे। यहां तक कहा गया कि संघर्ष का माद्दा न होने और धनबल हावी होने की वजह से पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्र जैसे नेताओं के सपने को खत्म किया जा रहा है। सपा से बगावत कर स्वाभिमान समाजवादी मोर्चा बनाने वाले प्रदीप तिवारी, ब्रजेश यादव, पीडी तिवारी के संयोजकत्व में आयोजित जनसंवाद में प्रदेशभर के युवाओं ने हिस्सा लिया। यहां जुटे ज्यादातर नेता समजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने मंच से आह्वान किया कि वे अभी तक सपा के लिए खून पसीना बहाते रहे हैं। इसके बदले उन्हें धोखा मिला है। प्रदीप तिवारी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा में धनबल हावी है। चाटुकारिता की वजह से पार्टी गलत हाथों में चली गई है।

मुलायम सिंह यादव ने 1997 में घर से बुलाकर पार्टी के लिए काम करने का आदेश दिया और कहा कि सच के लिए कभी झुकना नहीं।  तब से लेकर उनके जिंदा रहने तक पार्टी के लिए संघर्ष किया। जेल यात्रा की, लेकिन अब पार्टी अध्यक्ष की आंखों पर पट्टी बंध गई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या धार्मिक ग्रंथों का उपहास करने वाले व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना और अपनी बात रखना गुनाह है? यही गुनाह सपा में रहते हुए किया है। उन्होंने कहा कि सपा में अब संघर्ष का माद्दा नहीं है। वह समाप्तवादी पार्टी बन गई है। ऐसे में मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्रा के सपनों को साकार करने के लिए मोर्चा तैयार किया है। यह मोर्चा कॉलेजों में संगठन तैयार कर रहा है। हर जिले में लोगों को जोड़कर समाजवादी पार्टी को उसकी असली जगह पहुंचाया जाएगा। ब्रजेश यादव ने कहा कि जिस पार्टी के लिए अपना जीवन कुर्बान करने का वचन लिया था। अब उसमें भटकाव है। आरोप लगाया कि अब सपा में बिना रुपया दिए टिकट नहीं मिल सकता है। ऐसे में गरीब, पिछड़े वर्ग के लोगों को अपना अलग रास्ता चुनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने मुलायम सिंह यादव के बारे में गलत‌ टिप्पणी की, अब अखिलेश यादव उसी के हाथ की कठपुतली बन गए हैं। यही वजह है कि पार्टी के वफादार लोगों को किनारे किया जा रहा है। पीडी तिवारी ने कहा कि समाजवादी पार्टी में हर धर्म और समाज के लोगों को बराबर सम्मान मिलता रहा है, लेकिन अब अखिलेश यादव को ऐसे लोग पसंद हैं, जो ब्राह्मणों, हिंदू और सनातन धर्म पर ओछी टिप्पणी करें।

इसका प्रमाण है कि ऐसे व्यक्ति को टिप्पणी के बाद राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। उन्होंने सवाल कि संघर्ष के बदले उन्हें ब्राह्मण होने की सजा क्यों दी जा रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा से गहरे ताल्लुख रखने वाले पूर्व एमएलसी को पार्टी का नीति निर्धारक बनाया गया है। राजेश यादव ने कहा  विडंबना है कि डॉ लोहिया के विचारों को सपा ने तिलांजलि दे दी है। अब वहां दरबारी ढूंढे जा रहे हैं।  अब समाजवादियों को उठ कर लामबंद होकर आगे आना होगा और समाजवाद को बचाना होगा। इस दौरान सूर्य प्रताप राणा, सोनी परिहार, संजीव त्रिवेदी, सौरभ सिंह, मिंटू निगम,  मनोज शुक्ला, हिमांशु

यादव, आशुतोष दीक्षित, संजय,  सुमित सिंह, रमन कौशिक, राजेश यादव सहित तमाम पूर्व ब्लाक प्रमुख, पूर्व जिला पंचायत सदस्य आदि ने संबोधित करते हुए मोर्चे को गांव स्तर पर मजबूत करने का संकल्प दोहराया।

 

स्वाभिमानी लोगों की हर स्तर पर होगी मदद- डीपी

स्वाभिमानी समाजवादी मोर्चा के जनसंवाद कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व मंत्री डीपी यादव ने कहा कि सियासत में स्वाभिमान को बचाए रखना चुनौती होती है। इस चुनौती को स्वीकार करने वालों की हर स्तर पर मदद की जाएगी। ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक विजय प्रताप यादव ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश में तीसरे मोर्चा का शुरुआत हो गई है। इस मोर्चा को भी उसमें शामिल किया जाएगा।