Wednesday , December 27 2023

करनाल: अंत्योदय महासम्मेलन’ में ना उपमुख्यमंत्री और ना ही जेजेपी का कोई मंत्री हुआ शामिल

करनाल में भाजपा द्वारा आयोजित “अंतोदय महासम्मेलन” में जजपा नेताओं की गैर मौजूदगी को लेकर राजनीतिक गलियारों में अनेकों प्रकार की चर्चाएं बनी हुई है। ना ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पहुंचे और ना ही जेजेपी कोटे के मंत्री देवेंद्र बबली व अनूप धानक पहुंचे और ना ही जेजेपी का कोई विधायक। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे, जबकि भाजपा और जजपा का यह गठबंधन केंद्र के हस्तक्षेप से ही सिरे चढ़ पाया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत भाजपा के सभी मंत्री और विधायको ने शिरकत की।

गठबंधन के पहले दिन से इस गठबंधन के चलने को लेकर लगातार तरह-तरह की बातें राजनीतिक गलियारों में चलते रही। पिछले 4 साल से इस गठबंधन के कई बार टूटने और बिखराव की बातें आम जनता समेत मीडिया में भी सुर्खियां बनी रही। अनेको उतार चढ़ाव आने के बावजूद गठबंधन कायम रहा जो कि आज भी कायम है। मनोहर सरकार पार्ट 2 के 4 वर्ष तथा मनोहर सरकार पार्ट 1 के 9 वर्ष पूरे होने पर करनाल में आयोजित हुए अंतोदय महासम्मेलन की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री ने की, जिसमें गठबंधन दल व सत्ता में सहयोगी जननायक जनता पार्टी से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली, राज्य श्रम मंत्री अनूप धानक तथा अन्य कोई भी जेजेपी विधायक के विशाल जनसमूह में कहीं भी नजर ना आने की चर्चा प्रदेश भर से पहुंचे इस भारी जन समूह में शुरू से अंत तक बनी रही।

भाजपा-जजपा के नेताओं ने कहा- राजस्थान चुनाव है उपस्थित न होने का कारण

दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी के नेता रणधीर सिंह ने जजपा नेताओं के राजस्थान चुनाव में व्यस्तता को इस कार्यक्रम में उपस्थित ना होने को कारण बताया। उन्होंने कहा कि जननायक जनता पार्टी राजस्थान में कई सीटों पर चुनाव लड़ रही है, सभी विधायकों- मंत्रियों की ड्युटिया लगे होने के कारण इसमें कोई शामिल नहीं हो पाए यानि उन्होंने चल रही चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगाने का काम किया है। इसी प्रकार से हरियाणा में भाजपा के मीडिया सेक्रेटरी डीजीपीआइआर प्रवीण अत्रेय ने भी इसी प्रकार का कारण बताया।

मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी कर कहा भाजपा ने अपने 95 फ़ीसदी वायदे पूरे किए
अटकलों और चर्चाओं के बाजार में यह भी मुद्दा बना रहा कि अब यह गठबंधन कितना लंबा ओर चल सकेगा, क्योंकि भाजपा जेजेपी के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर आने वाले दिनों में कहीं ना कहीं आपस में तल्खी ओर अधिक बढ़ सकती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मंच से वृद्धावस्था पेंशन को 1 जनवरी 2024 से 3000 करने की भी घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार चुनाव पूर्व किए गए अपने 95 फ़ीसदी वायदे पूरे कर चुकी है। जबकि दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी की घोषणा पत्र में यह पेंशन 5100 करने का वायदा शामिल था। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला कई बार कह चुके हैं कि उनका वृद्धो को पेंशन के रूप में 5100 देने का वायदा वह हर हाल में पूरा करेंगे।

जेजेपी नेता कई बार कह चुके- दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाओ 5100 वृद्धावस्था पेंशन पाओ
इसी क्रम में दिग्विजय चौटाला तथा जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशांत सिंह कई बार सार्वजनिक मंचों से यह बयान देते भी देखे गए हैं कि हरियाणा की जनता अगले विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत दे। दुष्यंत चौटाला को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए, 5100 रुपए वृद्धावस्था पेंशन के साथ-साथ हर वायदा पार्टी पहली कलम से पूरा करेगी। जननायक जनता पार्टी के कई कार्यक्रमों में दुष्यंत चौटाला के आने पर मुख्यमंत्री आया- मुख्यमंत्री आया के नारे हरियाणा के बाद राजस्थान में भी लगते हुए देखे गए हैं।

चर्चा है कि आने वाले समय में दोनों दलों में ओर बढ़ सकती है तल्खी
अब आने वाले लोकसभा – विधानसभा चुनाव भाजपा और जेजेपी इकट्ठे लड़ेंगे या अलग-अलग, इस बात को लेकर भी कहीं ना कहीं विरोधाभास शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज कई मंचों से लोकसभा की सभी 10 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। उनके अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव अकेले लड़कर भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, इसलिए अब भी भाजपा अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी प्रेस वार्ता के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर इसी प्रकार की बात कही थी। वहीं दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी प्रदेश की दो-तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है। खास तौर पर भिवानी लोकसभा को लेकर कई बार जेजेपी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि उनके पिता भिवानी से चुनाव जीत चुके हैं। इसलिए वहां की जनता उनके परिवार से ही वहां सांसद देखना चाहती है। अब इन सभी परिस्थितियों में जब बहुत कम समय चुनाव को बचा है, भाजपा जेजेपी गठबंधन किस ओर मोड लेगा यह बात भविष्य के गर्भ में है।