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हाथरस में रामकथा सुनाएंगे रामभद्राचार्य

रामभद्राचार्य अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण में विश्व के इकलौते ऐसे संत हैं, जिन्होंने न्यायालय में वेदों व पुराणों से श्रीराम जन्म भूमि व भगवान श्रीराम के अयोध्या धाम में जन्म के प्रमाण दिए। वह 25 जनवरी से 2 फरवरी तक हाथरस में रामकथा सुनाएंगे।

हाथरस में गांव लाड़पुर के केशव देव भगवान मंदिर में श्रीरामभद्राचार्य महाराज के मुखारबिंद से होने वाली श्रीराम कथा महोत्सव का 18 जनवरी को भूमि पूजन व ध्वजारोहण किया। भव्य झांकियों व कीर्तन मंडली के साथ नगर फेरी निकल गई। जिसमें हजारों की संख्या में राम भक्तों में बड़ा उल्लास रहा।

इस दौरान अतिथि के रूप में अलीगढ़ कोल विधायक अनिल पाराशर, हाथरस विधायक अंजुला माहौर व सिकंदराराऊ विधायक वीरेंद्र सिंह राणा उपस्थित रहे। भूमि पूजन हाथरस के प्रखंड विद्वान उपेंद्र चतुर्वेदी एवं अन्य पूज्य ब्राह्मणों ने मंत्र उच्चारण के साथ कराया। मुख्य यजमान अजय गुप्ता कोल्ड वाले व उनकी धर्मपत्नी ने भूमि पूजन व ध्वजारोहण का पूजन किया। इस मौके पर राघव माधव सेवा समिति के सभी सदस्य एवं राघव परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। भूमि पूजन में विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी एवं निस्वार्थ सेवा संस्थान के सदस्य एवं ग्राम लालपुर के सम्मानित सभी कार्यकर्ता माताएं, बहनें और सम्मानित लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने श्रीराम के जयकारों के साथ श्रीराम कथा महोत्सव के लिए विशाल पंडाल का श्रीगणेश किया।

गांव लाड़पुर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के मुख से श्रीरामकथा महोत्सव का आयोजन 25 जनवरी से दो फरवरी तक होगा। इसमें 21 जनवरी को हाथरस नगर में कथा आमंत्रण फेरी सुबह 10 बजे से राधा मनोहर मंदिर दिल्ली वाला चौक हाथरस से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण करती हुई गोविंद भगवान मंदिर घंटाघर पर समापन होगी। 25 जनवरी को कलश यात्रा व कथा महोत्सव प्रारंभ दोपहर 2 बजे से होगा।

अहम है हाथरस में रामभद्राचार्य का आगमन
रामभद्राचार्य अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण में विश्व के इकलौते ऐसे संत हैं, जिन्होंने न्यायालय में वेदों व पुराणों से श्रीराम जन्म भूमि व भगवान श्रीराम के अयोध्या धाम में जन्म के प्रमाण दिए। उन्होंने न्यायालय द्वारा हिंदू व सनातन धर्म के पक्ष में न्यायालय के निर्णय के पश्चात अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार कि जब तक राम मन्दिर जन्मस्थान हमें नहीं मिलता, तब तक मैं अपनी राम कथा में भगवान राम का राज्याभिषेक नहीं करूंगा। इस क्रम में वर्ष 2019 के न्यायालय के निर्णय के पश्चात प्रथम राज्याभिषेक का आयोजन हाथरस बागला कॉलेज में किया गया। इसी शृंखला में भगवान श्रीराम के अपने नवीन गर्भगृह में प्रवेश के उपलक्ष्य में प्रथम रामकथा का आयोजन यहां हो रहा है।