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बिहार के 18 जिलों में भीषण शीत लहर का ऑरेंज अलर्ट जारी

बिहार में शीत लहर का अलर्ट जारी किया गया है। सर्द पछुआ हवा ने कनकनी बढ़ा दी है। शनिवार को पटना में हल्की धूप निकली तो लोगों को लगा कि मौसम से राहत मिलेगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। रात में कनकनी बढ़ गई। न्यूनतम पारा गिरकर नौ डिग्री तक चला गया। इधर, मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, बांका, लखीसराय, नवादा, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर समेत 18 जिलों में भीषण शीत लहर का अलर्ट जारी किया।

इन जिलों में शीत दिवस का अलर्ट
वहीं पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली समेत 20 जिलों में शीत दिवस का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान घने स्तर का कुहासा देखने को मिलेगा। इस समय दिन और रात में सर्द हवा चल रही हैं। न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। 26 जनवरी के आसपास शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ बनने की आशंका है। इस कारण 26 से 27 जनवरी के बीच बिहार के कई जिलों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने बारिश के साथ कोल्ड डे का अलर्ट जारी किया है। ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्य तौर पर दिसंबर से जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से शीतकालीन बारिश हो जाती थी। इसकी वजह से आसमान साफ हो जाता था। इस बार ऐसा नहीं देखा जा रहा है। इसके परिणाम स्वरुप अगले तीन दिनों तक बिहार राज्य के एक या दो स्थानों में शीत दिवस एवं कोहरा रहने का पूर्वानुमान है।

बच्चे 60+ वाले लोग एक्सपोजर से विशेष तौर पर बचें
घर के बड़े अक्सर कहते हैं- ठीक से पहन-ओढ़ कर बाहर निकलो। यह गलत नहीं। इस मौसम में तो खासकर। डॉ. संजीव कहते हैं- “कोल्ड स्ट्रोक का मौसम है, इसलिए शरीर को बाहरी तापमान में अचानक परिवर्तन झेलने के लिए विवश नहीं करना चाहिए। जैसे बिल्कुल बंद में हैं तो थोड़ा सामान्य होते हुए बाहर जाएं। मतलब, अचानक बाहर मत जाएं। बाहर निकलना है तो गर्म कपड़ा ठीक से पहनें। गला ढक कर रखें। पूरा गर्म कपड़ा कभी भी एक बार में नहीं उतारें। सुबह उठते ही या गर्म कपड़ा तुरंत उतारकर नहाने न जाएं। पहले से बीपी है तो दवा लेते रहें। नहीं है तो भी आसामान्य लगने पर जांच कराते रहें। कई बार जाड़ा में बीपी की दवा की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करें। डायबिटीज रोगी या 60+ वाले लोग एक्सपोजर से विशेष तौर पर बचें।”