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उत्तराखंड सिनेमा जगत के लिए बुरी खबर, नहीं रही मशहूर एक्टर गीता उनियाल*

उत्तराखंड सिनेमा जगत के लिए दुःखद खबर सामने आई है। उत्तराखंड फिल्म जगत की प्रसिद्ध कलाकार अभिनेत्री गीता उनियाल ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह कई वर्षों से कैंसर से लड़ रही थी जिसके चलते उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने निवास स्थान पर ही अंतिम सांस लिया और इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री के साथ- साथ गीता उनियाल के प्रशंसक सदमे में हैं। पूरे राज्य में दुःख के बादल छाए हुए हैं।
गीता उनियाल ने उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में कई सारे लोकगीत एल्बम और चलचित्रों में काम किया। गीता उनियाल का उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में सराहनीय योगदान रहा है। ऐसे में उनकी मृत्यु उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री के लिए भारी नुक्सान है। गीता उनियाल हमेशा अपने संस्कृति के प्रति समर्पित रहीं हैं। यह भी एक वजह रही है कि वह बहुत लोकप्रिय थीं।
एक बार गीता उनियाल ने बताया था कि 2020 में उन्हें कैंसर ने जकड़ लिया था, एक बार सफल सर्जरी होने के बाद दोबारा वे कैंसर ग्रसित हो गईं। उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में उनका सफर 20 साल का है. जिसमें 5 बड़े पर्दे की फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। इन 20 साल में वह अनगिनत गढ़वाली म्यूजिक एल्बम में काम कर चुकी थी। उत्तराखंड के लोगों के हौसले भी यहां के पहाड़ों की तरह सुदृढ़ हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि कैंसर पीड़ित होने के बावजूद उत्तराखंडी फिल्मों की नामी अभिनेत्री गीता उनियाल ने हार नहीं मानी, उन्हें 3 साल से कैंसर है और पिछले साल उनका कैंसर का ऑपरेशन भी हुआ है. गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी उन्होंने काम के प्रति अपने लगाव को कभी कम न होने दिया, हाल ही में रिलीज हुई जय मां धारी देवी में भी उन्होंने शानदार अभिनय किया है।
फिल्म में उनके काम को देख कर कभी नहीं लगा कि वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। अभिनेत्री गीता उनियाल बताया था कि वह 2020 से ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं शुरू में उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। उन्होंने अपनी बीमारी का पूरा खर्च खुद वहन किया, लेकिन जब दोबारा जब उन्हें कैंसर हुआ तो वह आर्थिक तौर पर पूरी तरह से टूट चुकी थीं, वे बताती हैं कि एक समय पर कैंसर ने उनके मनोबल को तोड़कर रख दिया था, उन्होंने कहा 20 साल उत्तराखंड फिल्म में काम करने के बाद और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बचाने के तमाम संघर्ष करने वाले कलाकारों की मदद करने कोई आगे नहीं आया फिर उत्तराखंड के कुछ कलाकारों के साथ छात्र नेता आजम नबी आजाद ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण से भेंट की जहाँ से उन्हें कुछ सहायता भी मिली, लेकिन अंततोगत्वा काल के क्रूर हाथों ने उन्हें हम से छीन ही लिया। उत्तराखंड की लोक संस्कृति को अपने अभिनय से जीवंत करने वाली अभिनेत्री गीता उनियाल का असमय चले जाना…. बहुत दुखद है।