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साइनस और माइग्रेन की समस्या से राहत दिलाती है जलनेति

आसन और प्राणायाम सेहतमंद रहने के ऐसे आसान तरीके हैं, जिन्हें अगर आपने अपने रूटीन में शामिल कर लिया, तो आप कई खतरनाक बीमारियों के होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं और बढ़ती उम्र में भी हेल्दी बने रह सकते हैं। मोटापा, डायबिटीज, बैड कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर जैसी कई और गंभीर समस्याओं से योग की मदद से बचा जा सकता है। योग में शरीर के शुद्धिकरण की भी कई क्रियाएं हैं, जिन्हें करने से शरीर के अंदर मौजूद गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती हैं।

सर्दी-जुकाम एक ऐसी समस्या है, जो कुछ लोगों को बहुत ज्यादा परेशान करती है, अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो आज हम एक ऐसी क्रिया के बारे में जानने वाले हैं, जिसकी मदद से आप न सिर्फ जुकाम, बल्कि इसमें होने वाले गले की खराश, बलगम जैसी और भी कई समस्याएं दूर कर सकते हैं। इसका नाम है जलनेति।

कैसे करें जलनेति?

  • जलनेति के लिए एक अलग तरह का लोटा आता है, जो आसानी से आपको मार्केट में मिल जाएगा।
  • इस लोटे में गुनगुना पानी डालें। इसके हल्का नमक मिलाएं।
  • अब इस लोटे की टोटी को बांई नाक के अंदर डालें और सिर दांईं ओर झुकाएं।
  • लोटे को ऐसे उठाकर रखें कि पानी का प्रवाह बाएं नाक की ओर ही हो।
  • मुंह खुला रखें और सांस लेते रहें।
  • पानी बांई नाक से जाता है और दांई नाक से निकलता है।
  • बीस सेकेंड तक यह प्रक्रिया करें।
  • फिर तेजी से सांस बाहर की ओर निकालें, जिससे नाक अच्छी तरह साफ हो जाए।

जलनेति के फायदे

  • जलनेति द्वारा साइनस और बलगम की समस्या दूर होती है।
  • सर्दी-जुकाम के साथ एलर्जी से राहत मिलती है।
  • निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी सांस की बीमारियों में भी यह क्रिया फायदेमंद है।
  • जल नेति की मदद से कान, आंख और गले से संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
  • मिर्गी, माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी इसे करना फायदेमंद होता है।

रखें इन बातों का ध्यान
बुखार के दौरान जलनेति क्रिया न करें।
नकसीर और हाई बीपी वालों को यह क्रिया नहीं करनी चाहिए।