हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को मनाई जाएगी। मथुरा में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने घोषणा की है कि कृष्ण जन्मस्थान मंदिर 26 अगस्त को 20 घंटे के लिए खुला रहेगा ताकि भक्त जन्माष्टमी पर निर्बाध दर्शन कर सकें। मंदिर आमतौर पर 12 घंटे खुला रहता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के जन्मोत्सव के विभिन्न कार्यक्रम शनिवार को शुरू होंगे, जो अगले सप्ताह बृहस्पतिवार तक चलेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर्व से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति के संकल्प के साथ किया जाएगा।
रात 12ः10 बजे तक चलेगी भगवान के जन्म की महाआरती
चतुर्वेदी ने बताया कि योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान का जन्मोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तदनुसार दिनांक 26 अगस्त 2024 (सोमवार) को मनाया जाएगा। कपिल शर्मा ने कहा, “जन्माष्टमी समारोह के मद्देनजर, स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंदिर 20 घंटे खुला रहेगा। सोमवार को शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रातः 5.30 बजे से होंगे। उसके बाद सुबह 8.00 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। जन्मभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11ः00 बजे श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। भगवान के जन्म की महाआरती रात्रि 12ः10 बजे तक चलेगी। जन्माष्टमी की शाम श्रीकृष्ण लीला महोत्सव समिति द्वारा भरतपुर गेट से परंपरागत शोभायात्रा निकाली जाएगी जो होलीगेट, छत्ता बाजार, स्वामी घाट, चौक बाजार, मण्डी रामदास, डीग गेट होते हुए श्रीकृष्ण-जन्मस्थान पहुंचेगी। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। भगवान के श्रृंगार, पोशाक, मंदिर की साज-सज्जा एवं व्यवस्थाएं नयनाभिराम बनाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं से की गई ये अपील
चतुर्वेदी ने बताया कि जनभावनाओं के अनुरूप इस बार जन्मोत्सव का संकल्प ‘श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति’ का होगा। यह वह दौर है कि जब मथुरावासी एवं भगवान श्रीकृष्ण के दुनियाभर में फैले करोड़ों भक्तजनों के मन में एक ही कामना है कि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य एवं दिव्य मंदिर में उनकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई है, उसी प्रकार, मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर में उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि जिला प्रशासन ने जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्गो पर जूताघर एवं सामान घर की व्यवस्था की है, इसलिए वे अपने जूते-चप्पल, बैग आदि सामान ठहरने के स्थान पर ही छोड़कर आएं, क्योंकि सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्रवेश गोविंद नगर स्थित उत्तरी द्वार से मिलेगा और निकासी पूर्वी यानी मुख्य द्वार से होगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास एवं मुख्य स्थलों पर चिकित्सा शिविर एवं ‘खोया-पाया’ केंद्र भी संचालित किए जाएंगे।