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आपका कार्य ही आपकी पहचान होना चाहिए,लोहिया संस्थान की स्थापना दिवस पर बोले सीएम योगी

”आपका कार्य ही आपकी पहचान होना चाहिए ”

यह बात योगी आदित्यनाथ, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस के मंगल अवसर बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने संस्थान को स्थापना दिवस की बधाई दी और संस्थान की भूरी- भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि, ” ऋषि परंपरा में बीज का वृक्ष बन जाना संस्कृति कहलाता है, जबकि बीज का सड़कर नष्ट हो जाता विकृति कहलाता है। हमारी संस्कृति ही जीवन के विकास का आधार है। ऋषि परंपरा के अनुरूप ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल से इंस्टीट्यूट बनकर सबके सामने है। संस्थान उत्तर भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य का बेहतरीन केंद्र बनकर उभर रहा है। यह संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। यह उपब्लधि ऐसे ही नहीं मिली है। इसके पीछे सकारात्मक सोच और टीमवर्क है। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने पर परिणाम भी अच्छे आते हैं। एक संस्थान बना देना समस्या का समाधान नहीं होता, यह किन हाथों में है, यह महत्वपूर्ण होता है। आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे। इसके लिए हमें टीमवर्क के साथ काम करना होगा।

उन्होंने ने कहा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ी सिटी है। यहां लगभग 70 लाख की आबादी निवास करती है। आरएमएल की पहचान पूर्वी उत्तर प्रदेश के गेटवे के रूप में होती है। यह अस्पताल से बढ़ करके 1300 बेड के बड़े संस्थान के रूप में विकसित हो करके सबके सामने है। ” इस अवसर पर संस्थान कीे वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवनो जिसमें संस्थान की इमरजेन्सी ट्रायज एरिया, बहुमंजिला टाईप – 4 आवास एवं बहुमंजिला ब्याज हास्टल का लोकार्पण भी किया।

संस्थान के निदेशक प्रो0 (डा0) सी0एम0सिंह ने सभी गणमान्य अतिथियों, संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों का अभिनन्दन किया और संस्थान की प्रगति रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया जिसमें निम्न बिन्दुओें पर उनके द्वारा प्रकाश डाला गयाः

• मरीजों को सुविधा देने के लिये 30 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन काउंटर तथा फार्मेसीकाउंटरों बढ़ाये गये, हॉस्पिटल ब्लाक में नयी फार्मेसी खोली गयी है, अस्पताल एवं इमरजेंसी में 120 से अधिक बिस्तरों बढ़ाये गये हैं। ंस्थान की इमरजेंसी में हर रोज करीब 550 मरीज और साल में लगभग डेढ़ लाखसे ज्यादा रोगी आये। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये ट्रायज एरिया में 22 बेड से बढ़ाकर 52 बेड किया गया।

• संस्थान की ओ०पी०डी० में लगभग नौ लाख रोगियों से अधिक रोगियों ने परामर्श प्राप्त किया है, जो कि पिछले वर्ष से डेढ़ से दो लाख अधिक है।

• इसी तरह पचास हज़ार से अधिक रोगियों को भर्ती कर चिकित्सा दी गयी, जिनमें बीस हज़ार से अधिक रोगियों का इलाज संस्थान के विभिन्न सर्जिकल डिपार्टमेन्ट द्वारा किया गया।

• कार्डियोलाॅजी विभाग में लगभग 6000 मरीजों की एंजियोग्राफी तथा एंजियोप्लास्टी की गयी

• न्यूरोसर्जरी विभाग में लगभग 1500 जटिल सर्जरी तथा गैस्ट्रोसर्जरी विभाग में 1200से अधिक जटिल सर्जरी की गयीं, 750 से अधिक कैंसर मरीजों की सर्जरी तथा 12,000 से अधिक मरीजों को कीमोथेरेपी एवं रेडियोथेरेपी दिया गया, लगभग 6,000 प्रसूताओं ने संस्थान में मातृत्व सुख प्राप्त किया, जिनमें से लगभग 3000 शिशुओं का जन्म सीजेरियन सेक्शन द्वारा हुआ।

• नेफ्रोलॉजी एवं यूरोलॉजी विभाग ने 200 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किये, और इसी के साथ संस्थान यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला एस0जी0पी0जी0आई0 के बाद उत्तर प्रदेश में दूसरा संस्थान बन गया है।

• संस्थान में बधिर बच्चों के लिये कोक़लियर इम्प्लांट तथा थैलेसीमिया रोगियों केलिये निःशुल्क रक्त एवं दवा उपलब्ध कराये जाते हैं।

• विगत वर्ष में संस्थान के डायग्नोस्टिक विभागों द्वारा लगभग 25 लाख जांचें कीगयीं जिसमें लगभग 1000 Advance Molecular जांचें भी शामिल हैं।

• संस्थान द्वारा PET Scan, MRI,CT Scan और Radiological जांचेंअनवरत जारी हैं।

• ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा गत वर्ष 50 हजार से ज्यादा यूनिट ब्लडकॉम्पोनेन्ट की सप्लाई की गयी

• संस्थान में आने वाले रोगियों हेतु उच्च क्वालिटी की दवाइयां एच०आर०एफ० केमाध्यम से न्यूनतम दरों पर उपलब्ध कराई जातीं हैं

• हमने प्रदेश एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा रोगीलाभ उठायें इसके लिये 23,000 से अधिक रोगियों को कुल 100 करोड़ से अधिकमूल्य की चिकित्सा निःशुल्क उपलब्ध कराई गयी

• संस्थान को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाओं के लिये नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्डफ़ॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (NABH) से मान्यता प्राप्त हुई है,

• संस्थान द्वारा निकाले गये विज्ञापन के सापेक्ष सभी पदों पर 446 नियमित नियुक्तियां पूरी की जा चुकी हैं तथा 204नियमित कर्मियों को पदोन्नति प्रदान की गयी, 250 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स और 55सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स का चयन किया गया तथा आउटसोर्सिंग के पदों पर 400 सेअधिक नियुक्तियां की गयीं

• एकेडमिक परिदृश्य में, यहां एन0एम0सी0 से मान्यता प्राप्त 200 एमबीबीएस सीटें हैं,और एम0डी0, एम0एस0, डी0एम0, एम0सी0एच0, डी0एन0बी0, पी0डी0सी0सी0, पी0डी0एफ0 पाठ्îक्रमों में 158 सीटें हैं,

• नर्सिंग तथा पैरामेडिकल कोर्सेज की बात करूं तो कॉलेज ऑफ नर्सिंग में हमारेपास हर साल नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त 40 बी0एस0सी0 नर्सिंग छात्र-छात्राएंएडमिशन ले रहे हैं, इनके साथ ही पैरामेडिकल में एम0एस0सी0 न्यूक्लियर मेडिसिन पाठ्यक्रम, लैब और डायग्नोस्टिक विभागों के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में भी छात्र प्रवेश ले रहे हैं

• शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में, इस साल विभिन्न विभागों में 50 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट्स चलाये गये, इनमें कई प्रोजेक्ट आई0सी0एम0आर0 और अन्य राष्ट्रीय संगठनों से वित्तपोषित हैं

• सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं में संस्थान के जागरूकता कार्यक्रम जैसे पोषण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, सामुदायिक स्वच्छता, टीकाकरण अभियान, निःशुल्कजांच शिविर, संक्रामक रोगों से बचाव एवं इसके निदान, नशा-उन्मूलन, अंगदान, रक्तदानइत्यादि विषयों पर शहरी और ग्रामीण जनता के बीच किये गये इनमें ‘हर घर दस्तक’अभियान से बीमारियों और उनके रोकथाम के उपायों की जानकारी शामिल हैं

3. जल्द ही मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में न्यूरोसाइंस सेंटर का संचालन होगा , जिसमें प्रदेश का पहला गामा नाइफ उपलब्ध होगा,

4. सर्जिकल सुविधाओं में रोबोटिक सर्जरी भी योजना में है जिससे कैंसर, किडनी, एवं क्रिटिकल सर्जरी की सुविधा प्रदेश में ही सुलभ होगी

5. संस्थान से इस वर्ष 250 करोड के हाई-एण्ड उपकरण खरीदने के लिये प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों के तहत हमारे मा0 उप मुख्यमंत्री, ब्रजेश पाठक जी ने सहर्ष स्वीकृत कर दिया। इसके लिये संस्थान आपका आभारी है।

6. वर्तमान में छात्र-छात्रायें मेन विभूति खण्ड कैम्पस से 8 किमी दूर शहीद पथ कैम्पस में रहते हैं, जिससे रोज लगभग 1000 छात्र-छात्राओं को इस कैम्पस में ट्रांसपोर्ट करना पड़ता है। जिसकी वजह से उनको खान-पान, सुरक्षा जैसी अन्य समस्याओं से जूझना

पड़ता है। साथ ही इवनिंग टीचिंग भी प्रभावित होती है और एन 0 एम0सी0 के मानक के अनुसार उपलब्ध बेड में से 770 बेड ब्रॉड स्पेशलिटी को आवंटित करना पड़ता है जिससे सुपर स्पेशलिटी में बेडों की संख्या काफी कम हो जाती है। जिसकी वजह से इमरजेन्सी में आये हुये मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो जाता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखकर शहीद पथ कैम्पस में ही 1000 बेड का अस्पताल और टीचिंग ब्लाॅक बनाने का प्रस्ताव है।

इस अवसर पर माननीय उप मुख्यमंत्री तथा कैबिनेट मिनिस्टर मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक , स्टेट मिनिस्टर संसदीय कार्य, मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर मयंकेश्वर शरण सिंह संस्थान के अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव,उत्तर प्रदेश मनोज कुमार सिंह, संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव

मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर, शपार्थ सारथी सेन शर्मा , उपस्थित थे और अपने सम्बोधन में संस्थान को स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी और संस्थान द्वारा दी जारी चिकित्सीय सेवओं को इसी प्रकार उत्कृष्ट बनाये रखने की अपेक्षा की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मा0 मुख्यमंत्री योगी जी ने कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ0 ए0के0 सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति संस्थान के एम0बी0बी0एस एवं नर्सिंग छात्रों द्वारा दी गई।