अमेरिका में आज राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होने हैं। राष्ट्रपति चुनावों के लिए
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (kamala Harris) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के बीच कांटे की टक्कर हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव ने पहले ही वैश्विक ध्यान आकर्षित कर लिया है और दोनों पक्षों की तरफ से अभियान तेज हो गया है। ऐसा माना जा रहा है की यह चुनाव अमेरिका में राजनीति के लिए एक और महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाला है।
कब हैं अमेरिकी चुनाव?
अमेरिकी चुनाव आज यानी मंगलवार, 5 नवंबर, 2024 को हो रहे हैं।
अधिकांश राज्यों में, मतदान केंद्र स्थानीय समयानुसार सुबह 7 से 9 बजे के बीच खुलेंगे। अमेरिका में कई समय क्षेत्रों की सीमा को देखते हुए, यह 10:00 GMT और 15:00 GMT के बीच होगा।
मतदान किस समय समाप्त होगा?
मतदान बंद होने का समय राज्य दर राज्य और कभी-कभी काउंटी दर काउंटी अलग-अलग होता है।
हालांकि, अधिकांश मतदान केंद्र पूर्वी समयानुसार शाम 7 बजे से रात 11 बजे (00:00-05:00 GMT) के बीच बंद हो जाएंगे।
अमेरिका में वोटों की गिनती कब शुरू होगी?
मिली जानकारी के अनुसार, शाम 7 बजे पूर्वी समय (00:00 GMT) पर पहले मतदान बंद होने के कुछ ही घंटों बाद, नतीजे आने शुरू होने की उम्मीद है। हालाँकि, कुछ राज्यों में वोटों की गिनती दूसरों की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से होगी। चूँकि पश्चिम के राज्यों में मतदान कई घंटे बाद बंद होगा, इसलिए उनके पहले नतीजे बाद में ही आने शुरू होंगे।
मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रेमंड जे. ला राजा ने कहा कि “यह वास्तव में बहुत करीबी मुकाबला है।”
फाइव थर्टी एइट के नेशनल पोल ट्रैकर के अनुसार, शुक्रवार तक हैरिस राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 1.2 अंकों की मामूली बढ़त बनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय चुनावों में कौन है आगे?
हालांकि, ला राजा ने बताया कि हो सकता है कि पोल कुछ मतदाता समूहों को सही तरीके से न पकड़ पाएं, जिससे किसी भी उम्मीदवार के लिए आश्चर्यजनक परिणाम सामने आ सकते हैं। अगर पोल गलत होते हैं और मुकाबला उम्मीद के मुताबिक नहीं होता है तो हमें बहुत जल्दी पता चल जाएगा। लेकिन मेरा अनुमान है कि हमें पहले कुछ दिनों में पता नहीं चलेगा।
स्विंग राज्यों के बारे में क्या जानते हैं?
राष्ट्रपति पद की दौड़ के नतीजे तय करने में सात स्विंग राज्यों की अहम भूमिका होने की उम्मीद है।
इन प्रमुख राज्यों में पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल वोट), नॉर्थ कैरोलिना (16), जॉर्जिया (16), मिशिगन (15), एरिजोना (11), विस्कॉन्सिन (10) और नेवादा (6) शामिल हैं, जिन्हें मिलाकर कुल 93 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलते हैं।
चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को 538 इलेक्टोरल वोटों में से कम से कम 270 वोट चाहिए।
इन राज्यों में मतदान शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच पूर्वी समय (00:00 से 03:00 GMT) के बीच बंद हो जाएगा।
कुछ शुरुआती नतीजे संभवतः जॉर्जिया से आएंगे, जहां राज्य के कानून के अनुसार सभी शुरुआती वोटों की गिनती और रिपोर्ट चुनाव की रात 8 बजे पूर्वी समय (01:00 GMT) तक होनी चाहिए।
इसके बाद उत्तरी कैरोलिना है। इस राज्य में, वोटों की गिनती और रिपोर्ट शाम भर की जाएगी, और पूरे नतीजे आधी रात (04:00 GMT) तक आने की उम्मीद है।
अगर बराबरी हो जाए तो क्या होगा?
अगर 269-269 बराबरी हो या कोई तीसरा पक्ष इलेक्टोरल वोट जीत जाए, जिससे कोई भी उम्मीदवार 270 वोट तक नहीं पहुंच पाता, तो इसके बाद “आकस्मिक चुनाव” (contingent election) होंगे।
आकस्मिक चुनाव वह प्रक्रिया है जो तब होती है जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा विजेता का फैसला करती है। सदन में प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधिमंडल एक वोट डालता है और जीतने के लिए उम्मीदवार को राज्य प्रतिनिधिमंडल के वोटों का बहुमत प्राप्त करना चाहिए।
फिर अमेरिकी सीनेट उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगी जिसमें प्रत्येक सीनेटर एक वोट डालेगा और जीतने के लिए साधारण बहुमत (51 वोट) की आवश्यकता होगी।
अमेरिका में आकस्मिक चुनावों के तीन उदाहरण हैं, 1801, 1825 और 1837 में। हाल के वर्षों में सबसे करीबी चुनाव 2000 का राष्ट्रपति चुनाव था, जब फ्लोरिडा में एक विवादास्पद पुनर्गणना के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 271 इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीते थे – जो उनकी ज़रूरत से सिर्फ़ एक ज़्यादा था। निवर्तमान उपराष्ट्रपति अल गोर ने 266 इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीते थे।
नतीजे आने में क्यों होती है देरी?
पहला – डेमोक्रेट (कमला हैरिस की पार्टी) समर्थक ज्यादातर घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में रहते हैं। जहां वोटों की गिनती में समय लगता है।
दूसरा – अमेरिका में वोटिंग के दिन से पहले मेल के जरिये डाले गए वोट की गिनती में समय लगता है। ट्रंप इस तरह वोटिंग कराए जाने के हिमायती नहीं हैं।
तीसरा – अमेरिका में वैसे तो 50 राज्य हैं, लेकिन 7 ऐसे हैं जहां के नतीजों के बारे में अदांजा लगाना लगभग नामुमकिन होता है कि यहां कौन जीत रहा है। चूंकि इन राज्यों में वोट पड़ने से लेकर, उसकी गिनती के तरीके भी अलग-अलग हैं, अंतिम नतीजे आने में समय लगता है।