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हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में कनाडाई पुलिसकर्मी शामिल, जस्टिन ट्रूडो की खुली पोल

कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को चरमपंथियों ने हिंदू मंदिर को निशाना बनाया। कट्टरपंथियों ने लाठी-डंडों से हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला बोला। घटना के वक्त के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। मगर एक वीडियो ने कनाडा में तहलका मचा दिया है। दरअसल, इस वीडियो में दिख रहा है कि ब्रैम्पटन में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में कनाडा पुलिस का एक कर्मचारी भी शामिल है। हालांकि वीडियो सामने आने के बाद पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिसकर्मी के हाथ में अलगाववादी झंडा

निलंबित शख्स पील क्षेत्रीय पुलिस में तैनात है। वीडियो में आरोपी ने अपने हाथ में अलगाववादी झंडा ले रखा है। वहीं प्रदर्शन में शामिल अन्य लोग भारत विरोधी नारेबाजी में जुटे हैं। सीबीसी न्यूज के मुताबिक निलंबित कर्मचारी की पहचान हरिंदर सोही के तौर पर हुई है।

पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच जारी

मीडिया संबंध अधिकारी रिचर्ड चिन ने सीबीसी न्यूज को ईमेल के माध्यम से बताया कि पुलिस बल सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो से अवगत है। इसमें एक ऑफ-ड्यूटी पील पुलिस अधिकारी को एक प्रदर्शन में शामिल दिखाया गया है। इस अधिकारी को सामुदायिक सुरक्षा और पुलिस अधिनियम के अनुसार निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती है… तब तक हम आगे कोई जानकारी देने में असमर्थ हैं।

मंदिर में भारी पुलिसबल तैनात

भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तीन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। इसके बाद पुलिस ने हिंदू सभा मंदिर का दौरा किया। जहां कट्टरपंथी विरोध प्रदर्शन करते हुए मंदिर परिसर में घुसे थे। आरोपियों ने यहां मौजूद हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया था। इस दौरान महिलाओं और बच्चों तक को मारा था। कई कट्टरपंथियों ने भारत विरोधी नारेबाजी भी की थी। हिंसा के बाद हिंदू सभा मंदिर में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।

पीएम मोदी ने भी दी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। पीएम मोदी ने कहा, “मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे।