मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के निंबोला थाना क्षेत्र मे 27 अक्तूबर को कुछ महिलाओं ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से मुलाकात कर शिकायत की थी कि पूछताछ के नाम पर निंबोला थाने में पुलिस ने एक महिला के साथ मारपीट की। इस पर सांसद ने तुरंत आईजी को फोन लगाकर स्थिति से अवगत कराया था। खरगोन डीआईजी ने इस मामले में एसपी स्तर की अधिकारी और डीएसपी अजाक खरगोन वर्षा सोलंकी को जांच अधिकारी बनाया।
जांच निंबोला थाने के 3 अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट पुलिसकर्मियों पर सौंप दी। इसके बाद संभवत: पहली बार बुरहानपुर एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार ने निंबोला थाने में एक साथ लाइन अटैच की कार्रवाई पदस्थ आरक्षक पूजा बोरासी, पूजा सावनेर और एएसआई जगदीश राठौर को लाइन अटैच कर दिया है।
वहीं थाना प्रभारी राहुल कांबले को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। दरअसल 27 अक्तूबर को कुछ महिलाएं सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से मिलने पहुंचीं थीं। इसमें से एक महिला ने कहा- मेरे साथ निंबोला थाने में महिला पुलिसकर्मी ने मारपीट की।
तब सांसद ने सीधे आईजी को फोन लगाया। महिलाएं कबाड़ बिनने का काम करती हैं और उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। इसके बाद करीब 20 से अधिक महिलाएं सांसद के पास पहुंची थीं। बाद में एसपी के पास भी समाजजन पहुंचे थे। एसपी ने निष्पक्ष जांच की बात कही थी।
संभवत निंबोला थाने का यह पहला मामला है, जिसमें तीन पुलिसकर्मी एक साथ लाइन अटैच किए गए हैं। जांच अधिकारी खरगोन अजाक डीएसपी वर्षा सोलंकी ने कहा जांच प्रतिवेदन सौंप दिया है। वहीं से कार्रवाई होगी। एसपी देवेंद्र पाटीदार ने बताया दो महिला आरक्षक और एक एएसआई को लाइन अटैच किया गया है। थाना प्रभारी राहुल कांबले को भी शोकॉज नोटिस दिया है।