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दिल्ली की हवा और खराब, NCR समेत उत्तर भारत पर स्मॉग की मार

राजधानी दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम और अलीपुर तक वायु प्रदूषण का असर है। दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बरकरार है। जहां एक तरफ कोहरा बढ़ने से प्रदूषण का स्तर और खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह 5:45 बजे आईजीआई एयरपोर्ट पर कोहरा दिखा। मौसम विभाग के मुताबिक, कोहरे का असर दिल्ली-एनसीार समेत उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और अधिकांश पाकिस्तान में जारी है। जबकि वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी भी प्रदूषण की मार झेल रही है। कालिंदी कुंज क्षेत्र में यमुना नदी की सतह पर जहरीला झाग तैर रहे हैं। दिल्ली में सीजन का पहला AQI खतरनाक स्तर पर रहा बीते बृहस्पतिवार को सीजन में पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 दर्ज किया गया। इसमें बुधवार की तुलना में छह सूचकांक की वृद्धि देखने को मिली। इससे हवा और दमघोंटू हो गई है। हालांकि, कोहरा व स्मॉग से मामूली राहत मिली। इससे पालम हवाई अड्डे पर मध्यम स्तर का कोहरा छाया रहा। यहां सुबह सात बजे से साढ़े आठ बजे तक सबसे कम दृश्यता 300 मीटर दर्ज की गई। हवा की गति में सुधार के बाद साढ़े नौ बजे दृश्यता 500 मीटर हो गई। उधर, सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह सात से आठ बजे तक सबसे कम दृश्यता 400 मीटर दर्ज की गई, जो बाद में बिगड़कर एक घंटे बाद 250 मीटर हो गई। हालांकि, मुख्य रूप से धुंध की स्थिति रही। आज मौसम विभाग का अलर्ट मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान घने से घना कोहरा छाए रहने की आशंका है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 16 इलाकों में हवा अति गंभीर, नौ इलाकों में हवा गंभीर, छह इलाकों में बेहद खराब और एक इलाके में हवा खराब रही। मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार दिन भर दृश्यता कम होने और घने कोहरे से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, दिन में सूरज बादलों के बीच छुपा रहा। इससे ठीक तरह से धूप नहीं निकली। 10 इलाकों की हवा सबसे ज्यादा खराब शुक्रवार सुबह आठ बजे दिल्ली के आनंद विहार पर एक्यूआई 444, अलीपुर 407, द्वारका 444, नजफगढ़ 402, पंजाबी बाग 443, शादीपुर 438, नोएडा 302, अशोर विहार 441, जहांगीरपुरी 460 और इंडिया गेट 416 रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार सुबह सात बजे पालम इलाके में दृश्यता 500 और सफदरजंग में 400 मीटर रही। वहीं दूसरी तरफ वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर रहा। पाकिस्तान का शहर लाहौर पहले स्थान पर है। वहीं, चंडीगढ़ में एक्यूआई 412, गाजियाबाद में 356, हापुड़ में 348 और नोएडा में 347 रहा। 5वीं तक के स्कूल बंद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए दिल्ली सरकार ने 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने के फैसला किया है। स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी। वहीं, बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूल सभी बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो। बच्चों व अभिभावकों को एडवायजरी जारी कर मास्क लगाकर आने की सलाह दे चुके हैं। ग्रैप तीन लागू दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रैप)-3 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। ग्रैप-3 की बंदिशें शुक्रवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो जाएंगी। इसके तहत निर्माण व विध्वंस कार्य पर पाबंदी रहेगी। वहीं, अंतरराज्यीय बसों, इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों और बीएस-6 डीजल बसों को छोड़कर दिल्ली में अन्य बसों के प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। सीएक्यूएम की सलाह है कि दिल्ली समेत एनसीआर की सरकारें कक्षा पांच तक के स्कूल बंद कर दें। इसकी जगह छात्रों को पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से करवाई जाए। उधर, ग्रैप तीन की बंदिशें लागू होते ही दिल्ली मेट्रो ने अपनी सेवा के बीस फेरे बढ़ा दिए हैं। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार गंभीर श्रेणी में बरकरार है। ऐसे में बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इसे देखते हुए सीएक्यूएम की उप-समिति ने पाया कि बुधवार को प्रतिकूल मौसमी दशाओं से एक्यूआई में अचानक वृद्धि देखी गई थी। बृहस्पतिवार सुबह से यह गंभीर श्रेणी में ही स्थिर रहा। इसको देखते हुए ग्रैप-3 लागू करने का फैसला किया गया है। ग्रैप तीन के तहत इन कार्य पर रहेगी पाबंदी -पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। -बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम। -पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य। -ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना। -ईंट/चिनाई कार्य। -प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। -सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत। -परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग। -कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही। -विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन। नए जोड़े गए नियम – बीएस-3 स्टैंडर्ड या इससे नीचे के मीडियम गुड्स वीकल (एमजीवी) अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे। जरूरी सामान लेकर आ रहे एमजीवी को इसमें छूट दी गई है। – बीएस-3 और इससे नीचे के मीडियम गुड्स करियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। जरूरी सामान से जुड़े वाहनों इसमें शामिल नहीं हैं। – एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों को दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को इसमें छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है। ग्रैप-3 में लोगों के लिए सीएक्यूएम की सलाह -कम दूरी के लिए साइकिल का करें इस्तेमाल या चलें पैदल। -संभव होने पर कार पूलिंग का लें सहारा। -सार्वजनिक परिवहन का करें इस्तेमाल। -दफ्तर से इजाजत मिलने पर वर्क फ्रॉम होम पर चले जाएं। -निर्माण कार्य समेत दूसरी प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों का रोकें।