लखनऊ।। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि उ0प्र0 सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला प्रदेश है। दुग्ध विकास कार्यक्रम को गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन एवं व्यवसायिक गतिविधियों के दृष्टिगत प्रत्येक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में दुग्ध समितियों की संख्या में वृद्धि की जाए। अक्रियाशील समितियों को क्रियाशील किया जाए। संचालित समितियां किसी भी दशा में बंद न होने पाए। नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत आगामी 06 माह में 2500 दुग्ध समितियों का गठन किया जाए। दुग्ध प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाए। इससे दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लक्ष्य में दुग्ध विकास विभाग अपना सार्थक सहयोग दे सकेगा। किसानों एवं पशुपालको को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान समय पर कराया जाए। किसानों एवं पशुपालको का हित राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में दुग्ध समितियों के गठन की समीक्षा की और मुख्यमंत्री जी द्वारा दुग्ध विकास के क्षेत्र में दिए गए मार्गदर्शन एवं सुझावों के क्रियान्वयन के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री सिंह ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गो संवर्धन योजना, दुग्ध सहकारी समितियों के गठन, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना की भी समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पंहुचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। अधिकारियों द्वारा दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण निरंतर किया जाए। पराग उत्पादों की मार्केटिंग पर विशेष फोकस किया जाए।
सिंह ने कहा कि दुग्ध सहकारिताओं से सम्बद्ध दुग्ध उत्पादको के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने, दुधारू पशुओं के अच्छे रख-रखाव एवं सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जायें और किसानों एवं पशुपालको को पुरस्कृत किया जाए। दुग्ध उपभोक्ताओं एवे दुग्ध उत्पादकों की जागरूकता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाए।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कुल 19,046 निबंधित समितियों के सापेक्ष 7857 समितियां कार्यरत हैं। जिला योजना अंतर्गत 220 दुग्ध समितियों के गठन एवं 450 दुग्ध समितियों का पुर्नगठन कार्य पूर्ण है। औसत दुग्ध उपार्जन प्रतिदिन 404.34 एलकेजीपीडी, गतवर्ष से 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औसत तरल दुग्ध बिक्रय प्रतिदिन 1.91 एलएलपीडी रहा है। प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया गया, जिसमें 27 अगस्त 2024 से 01 मई 2025 तक 3928 कार्यरत एवं 1670 अकार्यरत , कुल 5598 दुग्ध समितियों में भ्रमण कार्य किया गया।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप एवं मंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। किसानों एवं पशुपालको को दुग्ध मूल्य का भुगतान ससमय किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में पूरी गंभीरता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, विशेष सचिव दुग्ध विकास श्री राम सहाय यादव, पीसीडीएफ के समन्वय डॉ मनोज तिवारी, तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।